बागेश्वर: जिला चिकित्सालय से चिकित्सको के स्थानांतरण पर कांग्रेस की पीसी, दी आंदोलन की चेतावनी

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बागेश्वर में जिला कांग्रेस कमेटी बागेश्वर के द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। जिलाध्यक्ष भगवत सिंह डसीला ने कहा कि लगातार भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सुविधाओं को खत्म करने का काम किया जा रहा है। जिस तरह से आपदा काल में इतनी भारी मात्रा में स्थानांतरण किया गया है वह निंदनीय है। जनता को लगातार ठगने का काम किया है। जिसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बागेश्वर के तमाम चिकित्सालयो, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला एंव उप-जिला चिकित्सालय से आठ दस सीनियर एंव जूनियर बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सको का तबादला हुआ हैं। उत्तराखंड सरकार के मानसून काल में सख्त निर्देश हैं कि कोई भी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी किसी भी विभाग का हो ना ही छुट्टी जायेगा और ना ही अपना सम्पर्क नंबर बंद रखेगा, और ऐसे आपदा काल में सरकार इतनी संवेदनहीनता कैसे कर सकती हैं। स्थानांतरण में जो तर्क दिए गए हैं वो निजी अनुरोध और जन हित में स्थानांतरण के तथ्यहीन बेहुदा तर्क दिए गए हैं, और ना ही प्रतिस्थानी के नाम दिए गए हैं। चिकित्सकों के स्थानांतरण से किसका हित हुआ हैं? जहां से स्थानांतरण हुआ हैं क्या वहां की जनता का हित हुआ हैं, या जहां स्थानांतरण हुआ हैं वहां की जनता का हित हुआ हैं,या संबंधित विभाग का हित हुआ हैं, यह जनता के द्वारा सोचनीय विषय हैं उन्होंने कहा जिलाधिकारी अनुरोध किया यदि चिकित्सको का स्थानांतरण होता भी हैं तो बगैर प्रतिस्थानी के चिकित्सको को कार्यमुक्त ना किया जाय। मानसून के इस आपदाकाल मे जनपद बागेश्वर, पिथौरागढ, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी,पौड़ी, टिहरी जैसे भीषण आपदाग्रस्त क्षेत्रो से चिकित्सको के अत्यधिक स्थानांतरण किए गये हैं, जो कि स्थानीय जनता के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। बताया कि रुद्रप्रयाग के बाबा केदारनाथ धाम में जुलाई माह के अंत में आई भीषण आपदा के मात्र बीस पच्चीस दिनो बाद ही जनपद से सीनियर स्पेशलिस्ट चिकित्सको स्थानांतरण जनहित और निजी अनुरोध के औचित्यहीन तर्क देकर कर दिया जाता हैं, जहां मानव क्षति पालतू जानवरो की क्षति व स्थानीय लोगो के रोजगार के संसाधन आपदा की भेंट चढ गए और बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनो के लिए आये श्रद्धालु कालातीत हो गए, जिसमे सरकार की असंवेदनशीलता साफ-साफ झलकती हैं। बागेश्वर के चिकित्सालय में सिटी स्कैन तो लगा दी लेकिन न्यूरो सर्जन चिकित्सक की नियुक्त अभी तक नही की गई हैं, और नाही जनपद चिकित्सालय में कार्डोलाॅजिस्ट की तैनाती की गई हैं,जिसके परिणामस्वरूप विधायक पार्वती दास एंव काण्डा क्षेत्र की महिला को एयर ऐंबुलेंस से हायर सेंटर रिफर करना पड़ा। इमर्जेंसी वार्ड को जिला चिकित्सालय में सबंध होना चाहिए लेकिन वो ट्रामा सेंटर में चल रहा हैं, और ट्रामा सेंटर के गम्भीर मरीजो का इलाज कहां हो रहा हैं यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ हैं। गंभीर मरीजो को हायर सेंटर रिफर तो कर दिया जाता हैं लेकिन उस मरीज के साथ कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी नही जाते हैं, और घंटो तक इंतजार करने पर भी ऐंबुलेंस नही मिलती और घंटो इंतजार के बाद यदा कदा एम्बुलेंस मिल भी गई तो जर्जर हालात की एम्बुलेंस की टंकी मे तेल ना होना पुराने घिसे पिटे टायरो का रोना एम्बुलेंस स्टाफ रोता हैं। ब्लड बैंक स्थापित हैं लेकिन बार-बार रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रयासो द्वारा सोसियल साइडो के माध्यम से ब्लड की आपूर्ति की जाती हैं, जबकि जिला चिकित्सालय के द्वारा समय-समय पर ब्लड बैंक का कैम्प लगाना चाहिए।
मानसून काल में उत्तराखंड प्रदेश के तमाम जनपदो के चिकित्सालयो से चिकित्सको का स्थानांतरण होता हैं लेकिन चम्फावत जनपद पर यह नियम लागू नही होता हैं। बागेश्वर मुख्यालय के चिकित्सालय में एकमात्र पर्ची काटने का काउंटर हैं, जिस कारण बड़ी लम्बी लाईन लगती हैं, जिस कारणो से मरीज और तीमारदार को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता हैं, इसके लिए केवल जनपद मुख्यालय में ही नही बल्कि जनपद के समस्त चिकित्सालयो में तीन काउंटर महिलाओ के लिए पर्ची काउंटर, सीनियर सिटीजन के लिए काउंटर, सामान्य आंशिक तौर बीमार मरीज के लिए काउंटर होना अति आवश्यकीय हैं। इस मौके पर पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, कवि जोशी, राजेंद्र टंगड़िया, राजेंद्र परिहार,हरीश तीरकोटी,गोकुल परिहार आदि मौजूद रहे।

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