उत्तराखंड – कुमाऊं में यहां 23 राज्यों के 400 शिक्षक पहुंचेंगे महोत्सव में, तैयारी जारी

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हल्द्वानी: शिक्षकों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक एवं सांस्कृतिक महोत्सव 17 से 19 नवंबर तक पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार वीरभट्टी, नैनीताल में आयोजित किया जा रहा है। देश में पहली बार आयोजित होने वाले अपनी तरह के इस अनोखे महोत्सव में भारत के 23 राज्यों के लगभग 400 सरकारी शिक्षक/शिक्षिकाएं प्रतिभाग कर रहे हैं। महोत्सव में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु,केरल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मिजोरम,असम, अरुणांचल प्रदेश और उत्तराखंड आदि राज्यों के कला और संस्कृति से जुड़े शिक्षक शामिल होंगे।महोत्सव के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय, रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.के.पी.सिंह, विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ.अवनीश भटनागर, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार में पूर्व निदेशक गिरीश चंद्र जोशी तथा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय,नई दिल्ली के श्रीश डोभाल शिरकत करेंगे।इसके अतिरिक्त हल्द्वानी के विधायक सुमित ह्रदयेश, अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी, हल्द्वानी के महापौर डॉ जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा, भीमताल के ब्लाक प्रमुख डॉ.हरीश सिंह बिष्ट, पूर्व दर्ज़ा मंत्री महेश शर्मा,केदार पलड़िया भी महोत्सव के विभिन्न सत्रों में शामिल होंगे।

महोत्सव के प्रथम सत्र में शिक्षा में संस्कृति के समावेश (नई शिक्षा नीति के संदर्भ में) विषय पर लगभग दो दर्जन शोध-पत्र प्रस्तुत किए जायेंगे। इसके अतिरिक्त विभिन्न सत्रों में लोक गीत,लोक संगीत,लोक वाद्य,लोक नृत्य,लोक नाट्य, बांसुरी वादन,पुतली कला के शिक्षा में प्रयोग, शास्त्रीय संगीत, गायन, और सुगम संगीत आदि के से जुड़े शिक्षक अपनी प्रस्तुति देंगे।महोत्सव में चित्रकला, मूर्तिकला, लोककला, फोटो प्रदर्शनी, पुस्तक प्रदर्शनी, पोस्टर और हस्तलेख प्रदर्शनी व पुस्तक विमोचन समारोह भी आयोजित किए जाएंगे।

महोत्सव का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत छोलिया नृत्य, आंचल कला केंद्र के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य, उत्सव ग्रुप देहरादून द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका “नंदा की चौकी, तथा हरिशंकर परसाई के व्यंग्य पर आधारित नाटक “निठल्ले” का मंचन रहेगा।उक्त जानकारी देते हुए शैलनट के कला निर्देशक डां.डी.एन.भट्ट ने बताया कि महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन देशभर से आये सभी प्रतिभागियों को नैनीताल के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों का शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा।
महोत्सव की तैयारी में शैलनट के संस्थापक और रंगकर्मी श्रीश डोभाल,कला निर्देशक डॉ.डी.एन.भट्ट, अध्यक्ष राजीव कुमार शर्मा,डॉ.रोहिताश गंगवार, राजेन्द्र प्रसाद उपाध्याय, ललित कर्नाटक, पुष्पेश सांगा, डॉ.हरीश जोशी, डॉ.दिनेश जोशी, दिनेश पांडे, मंजुला पाण्डेय, डॉ.विनीता खाती, मुकेश प्रसाद बहुगुणा और डॉ.कश्नू जोशी आदि जुटे हुए हैं।

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