बागेश्वर: कांग्रेस नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी बोले “आज तक का इतिहास था कि सरकारों को ज्ञापन देने के बाद भी कोई संतोष जनक जवाब आज तक किसी के पास नहीं पहुंचा था” …..

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बागेश्वर में कांग्रेस नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने पत्रकार वार्ता की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ऐठानी ने कहा कि आपदा से संवेदनशील कपकोट क्षेत्र में विद्यालयों के भूगर्भीय जांच एवं आपदा के मानकों में उनकी मांगों पर सरकार द्वारा कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। उनके द्वारा इस सम्बंध में 2014 से लगातार मांग की जा रही थी।
ऐठानी ने बताया की जनपद बागेश्वर आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील क्षेत्र है। जिसमें कपकोट क्षेत्र अतिसंवेदनशील श्रेणी में आता है। जिसके कई गांव कई वर्षों से विस्थापन की बाट जोह रहे है। लेकिन सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नही की जा रही थी। जिस कारण उनके द्वारा 2010 में हुए सुमगढ़ हादसे की वर्षी पर शिशु मंदिर सुमगढ़ में आपदा के मानकों में बदलाव सहित अन्य मुद्दों पर एक दिवसीय उपवास किया था। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान परिवार के कमाऊ व्यक्ति के निधन पर 25 लाख मुआवजा, 70 प्रतिशत तक मकान क्षतिग्रस्त होने पर 10 लाख की राहत राशि देने सहित कपकोट के समस्त विद्यालयों का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने की मांग की थी।
जिस पर शासन ने सहमति जताते हुए जिलाधिकारी बागेश्वर को तत्काल जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन के भेजने के निर्देश दिए है। जो उनके द्वारा किये गए संघर्ष का परिणाम है। उन्होंने बताया कि रामगंगा एवं सरयू घाटी एवं उनकी सहायक नदियों से हो रहे नुकसान का विस्तृत सर्वे कर पुर्नवास नीति के तहत विस्थापितों को दी जाने वाली राहत राशि में बृद्धि किये जाने के लिए भी जिलाधिकारी से स्पष्ट आख्या भेजने को निर्देशित किया है।

इस दौरान ऐठानी ने कहा कि आज तक का इतिहास था कि कोई ज्ञापन देने के बाद भी सरकार का संतोष जनक जवाब किसी के पास नहीं पहुंचा था उन्होंने कहा कि 2010में हुवे सुमगढ़ हादसा स्थल पर उन्होंने अन्य साथियों के साथ उपवास रखा था जब आपदा सचिव यहां आए थे तो उनको ज्ञापन दिया गया जिसमे आपदा ग्रस्त मानकों में बदलाव प्रमुख था जिसमे पूर्व में 70%से अधिक मकान को नुक्सान होने पर 1लाख तीस हजार मुआवजा,30% से 70% तक एक लाख रुपए का प्रावधान था जिसमे सरकार ने ऊंट के मुंह में जीरे के समान कार्य किया है जिसमे 70% से अधिक नुकसान वाले भवन के लिए 70 हजार बढ़ाने का काम किया गया है।जो कि नाकाफी है।उन्होंने कहा सरयू और रामगंगा नदी और उन की सहायक नदियों से हो रहे कटान पर कैसे समाधान किया जाय,अपदाग्रस्त लोगों के विस्थापन की नीतियों को सरकार से स्पष्ट करने की बात भी कही।

इस दौरान जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र खेतवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश हरड़िया, खिलाफ दानू मौजूद थे।

हरीश ऐठानी,,पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत

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