बागेश्वर: सीलिंग के संरक्षण पर दशकों से कार्य कर रही देवकी लघु वाटिका,इन्हें शोध कार्य के लिए मलड़ा ने भेंट किया एक किलोग्राम सीलिंग पुष्प एव सिलिंग के पौधे
दुर्लभ होती जा रही बेहद महत्वपूर्ण औषधिय पादप सीलिंग के संरक्षण पर दशकों से कार्य कर रही देवकी लघु वाटिका से सीलिंग के पुष्पों को संग्रहित कर डी एस बी परिसर नैनीताल के डॉक्टर नवीन चंद पांडे श्री इंद्र सिंह रौतेला शोधार्थी जिनको शोध कार्य हेतु एक किलोग्राम सीलिंग पुष्प एव सिलिंग के पौधे भेंट किए गए जिन पर शोध कार्य किया जाएगा किशन सिंह मलड़ा द्वारा बताया गया कि विलुप्ति के कगार पर सीलिंग आज भी कई गांव इसके नाम से प्रसिद्धता पाए हुए हैं जैसे मंगरु सिलिंग छतिना बागेश्वर, जौय सीलिंग ताकुला, सीलिंग बाड़ी कौसानी, टोटा सीलिंग चनौदा सोमेश्वर , सिलिंग चरौड़ी बनकोट ,सात सीलिंग पिथौरागढ़ ,आठ सीलिंग धारचूला जिसमें बीज फल एक दो प्रतिशत ही बन पाता है वाटिका में इसके बीज जमाव पर सफलता प्राप्त कर पौध अनेक स्थानों, जल स्रोतों के आस -पास लगाये जा रहे हैं जिनका संरक्षण जल की शुद्धता एव निकट भविष्य को पर्यावरण संरक्षण के साथ ही सफल रोजगार, आर्थिक लाभ की अपार संभावनाएं बनाता हैं ।
🙏सादर
किशन सिंह मलड़ा