बागेश्वर: डायलिसिस यूनिट महज नाम की बनकर रह गई, काम?
बागेश्वर: जिला चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट की बदहाली इससे समझी जा सकती है कि। बिजली जाते ही मशीनें 15 मिनट में बंद हो जाती हैं। आज के दिन तक 34 रोगी उपचार के लिए वेटिंग पर थे। अधिकतर रोगियों को अल्मोड़ा, हल्द्वानी, बरेली अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिसको लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने आक्रोश जताते हुवे व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की है।
अवगत करा दें कि आज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने जिला अस्पताल के डायलिसिस यूनिट देखने पहुंचे। उन्होंने कहा कि सेंटर पर मात्र तीन बेड हैं। डायलिसिस कराने के लिए रोगियों की लंबी कतार है। बेड कम होने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। सेंटर पर चार कर्मचारी नियुक्त हैं। डा. रितेश कुमार सिंह, सीनियर टेक्नीशियन संजीव कुमार, जूनियर टेक्नीशियन दिया और वार्ड ब्वाय हरीश के सहारे डायलिसिस सेंटर चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन बिजली जाने से 15 मिनट के बाद सेंटर बंद हो जाता था। जिससे डायलिसिस सेंटर के रोगियों का उपचार ठीक से नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं होंगी तो आंदोलन किया जाएगा। इधर, सीएमएस डा. वीके टम्टा ने कहा कि मशीनें बढ़ाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है। अस्पताल आधुनिक बन रहा है। डायलिसिस सेंटर में भी विस्तार होगा।
बाइट हरीश चंद्र सिंह ऐठानी,पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष बागेश्वर