बागेश्वर: जनपद प्रभारी सचिव/ सचिव आपदा प्रबंधन आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग से सम्बंधित कार्यों की समीक्षा

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बागेश्वर

जनपद प्रभारी सचिव/ सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास,वित्त,राज्य संपत्ति उत्तराखंड शासन विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग से सम्बंधित कार्यों की समीक्षा की। जनपद दौरे पर पहुंचे सचिव ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा के बाद जिले में संचालित केंद्रीय फ्लैगशिप योजनाओं, कार्यक्रमों और विकासात्मक कार्यों, सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की।
 जनपद प्रभारी सचिव एवं सचिव आपदा प्रबंधन को डीएम अनुराधा पाल ने शासन स्तर पर लम्बित महत्वपूर्ण प्रकरणों के बारे में जानकारी दी। डीएम ने खोली में जिला अस्पताल के लिए चिन्हित भूमि एवं क्रिटिकल केयर यूनिट तथा एएनएम सेंटर,ट्रांजिट हॉस्टल,वन स्टॉप सेंटर,खोली में खेल मैदान, जिला मुख्यालय में सिविर लाइन,झूला पुल,हैलीपैड,कुंती नाला में बाढ़ सुरक्षा के कार्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इन सभी के प्रस्ताव शासन को भेजे गए है,जिनकी मंजूरी मिलनी है। सचिव ने जिला अस्पताल और क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए अलग-अलग प्लान बनाने के निर्देश दिए। साथ ही ट्रांजिट हॉस्टल निर्माण की कार्यदायी संस्था यूपी पेयजल निर्माण से चिकित्सा विभाग को ट्रांजिस्ट हॉस्टल हस्तगत कराने के साथ अवशेष कार्यों को लेकर कमेटी गठित कर धनराशि की आवश्यकता होने पर धनराशि आवंटित कर दी जाएगी। बागेश्वर बाईपास टनल के प्रस्ताव को देखते हुए सचिव ने नेशनल हाइवे को भविष्य के खतरों एवं सुरक्षा के दृष्टिगत प्रस्तावित टनल के अध्ययन करने के निर्देश दिए। सचिव ने मंडलसेरा में जल भराव की समस्या से तात्कालिक राहत दिलाने के लिए इंटरलॉकिंग टाइल के लिए प्रस्तावित 74 लाख की धनराशि शासन से शीघ्र जारी  करने का भरोसा दिया। झूला पुल को लेकर सचिव ने डीएम को सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट के अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई करने को कहा। 
सचिव ने अधिकारियों को जानकारी देते हुए कहा कि आपदा के मानकों में बढ़ोतरी की गई है। मानकों के अनुरूप आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए जिलाधिकारी स्तर से ही आगणन स्वीकृत किए जाएंगे। 15 लाख तक के आगणन की स्वीकृति के लिए जिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है। सचिव ने कहा आपदा से क्षतिग्रस्त परिस्थितियों के पुनः निर्माण को लेकर कतई भी धन की कमी नही है।आपदा से लगातार क्षतियाँ हो रही है। विभाग क्षतियों का आंकलन कर गुणवत्तापूर्ण काम के लिए दूरगामी कार्य योजना तैयार करें। 

 फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा करते हुए सचिव ने जल निगम की अवशेष 92 योजनाओं की टाईमलाईन देने के निर्देश ईई को दिए। उसके तहत कार्य नही किए गए तो ईई,एई,जेई को प्रतिकूल प्रिविष्टि देने के निर्देश डीएम को दिए। जल संस्थान को भी टाईमलाईन तय कर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। सचिव ने सिंचाई विभाग कपकोट के शेष 140 जल संयोजन अगले एक माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। सचिव ने पीएमजीएसवाई,ब्रीडकुल,वैपकोस,नेशनल हाइवे,पीडब्ल्यूडी के तहत निर्माणाधीन मोटर पुल व सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा की।  

कृषि विभाग की मृदा स्वास्थ्य कार्ड,आरकेवाई योजना, फार्म मशीनरी बैंक,आतमा योजना,और उद्यान विभाग की राष्ट्रीय बागवानी मिशन, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना,वन स्टॉप सेंटर आदि योजनाओं की समीक्षा की । सचिव ने प्रधानमंत्री आवास शहरी की समीक्षा करते हुए 440 आवास के सापेक्ष 225 आवास पूर्ण हो चुके है। शेष अधूरे आवासों के कार्यों का जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिए। पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा करते हुए सचिव ने उद्योग और श्रम विभाग को श्रमिकों के काम को और आसान बनाने के लिए टूलकिट देने को कहा। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान सचिव ने सीएमओ को निर्देश देते हुए कहा कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को ट्रैक किया जाए। गर्भवती महिलाएं जिनका प्रसव होने वाला है उन्हें समय रहते नजदीकी चिकित्सालय में लाया जाए।कौशल विकास और सेवायोजन विभाग की समीक्षा करते हुए सचिव ने वर्तमान में बाजार की आवश्यकता को देखते हुए ट्रेंड का चयन करने के निर्देश दिए। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें बच्चों को इसका लाभ मिल सकें। गत वर्ष में प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों में से कितने लोगों को रोजगार मिला है उनकी सूची उपलब्ध कराने के साथ ही इस बार प्रशिक्षण के लिए चयन अभ्यर्थी की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिले में सफल प्रयोग में कीवी का प्रमुख स्थान रहा है। किसानों का रुझान कीवी उत्पादन में बड़ा है। वर्तमान में जिले में 800 कुंतल कीवी का उत्पादन किया जा रहा है जबकि बाजार में करीब 10 टन कीवी की मांग है। वर्तमान में ढाई सौ रुपये प्रति किलो किसान सीधे अपने बाग से ही कीवी बेच रहा है। सचिव ने कीवी उत्पादन को और बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने ताम्र उद्योग को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया तथा पर्यटक स्थलों पर ताम्र उत्पादों को रखा जाए। सचिव ने घेस और कुटकी आदि जड़ी बूटियों को भी बढ़ावा देने के निर्देश सीडीओ को दिए। सचिव ने सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की और प्रत्येक अधिकारी को शिकायतकर्ता की समस्याओं का समाधान के लिए उनकी बात को गम्भीरता से सुनने के निर्देश दिए ताकि शिकायतकर्ता संतुष्ट होकर जाएं। इस दौरान सचिव ने जनता की समस्याओं को भी सुना तथा उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जिले में आपदा से हुए नुकसान के साथ ही शासन को भेजे गए प्रस्तावों व अन्य महत्वपूर्ण प्रकरणों के बारे में सचिव को अवगत कराया।
मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने बैठक में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिले में संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में दर्जा राज्यमंत्री शिव सिंह बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती बिष्ट, विधायक कपकोट सुरेश गड़िया, जिलाध्यक्ष भाजपा इंद्र सिंह फर्स्वाण, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल, जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी, पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत कपकोट गोविंद सिंह बिष्ट, गौरव दास,मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ कुमार आदित्य तिवारी, उपजिलाधिकारी मोनिका, अनुराग आर्या, जितेंद्र वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक अंकित कंडारी, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, सेवायोजन अधिकारी प्रवीण गोस्वामी, अर्थ एवं  संख्याधिकारी दिनेश रावत समेत अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। 

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