बागेश्वर:DM अनुराधा पाल ने कपकोट के दूरस्थ क्षेत्र नामतीचेटाबगड का किया भ्रमण,जनता की सुनी समस्याएं

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बागेश्वर

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कपकोट के दूरस्थ क्षेत्र नामतीचेटाबगड का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने गांव में आपदा न्यूनीकरण मद से होने वाले प्रस्तावों का अवलोकन किया तथा जनता की समस्याएं सुनी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की मांग के अनुसार वे शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही करें। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ व कटाव के कार्यो में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। भू-स्खलन को रोकने के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार की जाय। बाढ प्रबंधन और जन जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाय।

जिलाधिकारी नामतीचेटाबगड़ पहुंची तथा उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने गांव के घनैया नाले में सुरक्षात्मक कार्य हेतु ग्रामीणों की मांग का निरीक्षण किया। साथ ही रामगंगा नदी में नाचनी झूला पुल के निकट आवासीय मकानों व पुल के कटाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान ग्रामीणों ने उनसे गुंठी तोक में भूस्खलन की शिकायत करते हुए इसके सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की मांग की जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव पूर्व में भेजा गया है, जिसके संबंध में पुन: शासन को पत्राचार किया जाएगा। 


जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों ने जिन समस्याओं से अवगत कराया है उसके लिए अपने स्तर व शासन स्तर से योजनाएं स्वीकृत कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे व संबंधित विभागों को भी पत्र लिखा जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि गांव में सुरक्षात्मक आदि कार्य के लिए पूर्व में प्रस्ताव भेजा गया है जिस पर धन स्वीकृत नहीं हुआ है जिस पर जिलाधिकारी ने इस संबंध में शासन को पत्र लिखने की बात कही। 

इसके अलावा ग्रामीणों ने गांव में बैंक शाखा खोले जाने, एएनएम केंद्र बनाए जाने, खड़लेख से नामतीचेताबगड़ तक सड़क का सुधारीकरण किए जाने, गांव में दूरसंचार सेवा प्रारंभ किए जाने , वन पंचायत के माध्यम से वनीकरण कराने आदि मांगें की। जिलाधिकारी ने इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

इस दौरान अधिशासी अभियंता सिंचाई ने गुन्ठी ग्राम के पास धनैया नाले से हो रहे भू-स्खलन का जायजा के दौरान बताया कि भू-वैज्ञानिक की निरीक्षण आंख्या में दिए गए सुझावों को सम्मिलित करते हुए 224.45 लाख की योजना का गठन किया गया है। बताया कि योजना में जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार नाले के पाश्र्व पर 150 मीटर लंबाई में प्लम कंक्रीट ब्लॉक दो स्तरों में एवं भू-स्खलन क्षेत्र में 70 मीटर लंबाई में रॉक बोल्डिंग का प्रावधान किया गया है। रामगंगा नदी के दायें पार्श्व में नाचनी झूला पुल के पास ग्राम कालापैर कापड़ी के भरतुआ तोक के आवासीय भवनों एवं कृषि भूमि कटाव के सुरक्षात्मक प्रस्ताविक कार्यो पर ईई ने बताया कि आठ आवसीय भवनों व चार हैक्टेयर कृषि भूमि के सुरक्षात्मक कार्यो के लिए आपदा न्यूनीकरण मद से 51.27 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके तहत रामगंगा नदी के दायें पाश्र्व में 85 मीटर लंबाई में आरआर स्टोन मैसेनरी वॉल निर्माण तथा दीवार की तली में एक मीटर मोटाई की सीसी डाली जानी प्रस्तावित है।

निरीक्षण के दौरान अधिशासी अभियंता पान सिंह बिष्ट, सहायक अभियंता पीडी भट्ट, जेई देवेन्द्र सिंह, तहसीलदार देवेन्द्र कुमार लोहनी, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल समेत जगत सिंह कोश्यारी, ग्राम प्रधान गंगा सिंह, केदार सिंह, नवीन कुमार, साधो सिंह, भगवती पाठक, महेश कोश्यारी आदि मौजूद रहे।

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