बागेश्वर:डीएम,सीडीओ एवं महिला अफसरों ने बालिकाओं से किया संवाद जाने उनके सपने और लक्ष्य।

ख़बर शेयर करें
 मेरा सपना-मेरा लक्ष्य कार्यक्रम का दूसरा सत्र आयोजित।

विकास खण्ड गरुड़ की बालिका इंटर कालेज पाये और पुरड़ा की 30 बालिकाओं ने किया प्रतिभाग। जिले की सभी बालिकाएं बारी-बारी से एक्सपोजर विजिट में करेगी प्रतिभाग।

लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मेहनत और अनुशासन जरूरी, एक्सपोजर विजिट भविष्य निर्धारण में सहायक। डीएम

एक दौर था जब बालिकाओं को कैरियर संवारने के लिए अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन समय के साथ समाज की सोच बदली है और सभी क्षेत्रों में बालिकाएं अपना शत-प्रतिशत योगदान दे रही है। कैरियर संवारने के लिए बालिकाएं अपने अंदर चाहत पैदा करें और अपने लक्ष्य को केंद्र में रखकर इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ें तो निश्चित रूप से वो अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल होगी। यह विचार जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में अपने अभिनव पहल मेरा सपना-मेरा लक्ष्य (म्यर स्वैण-म्यर लक्ष्य) के दूसरे सेशन के कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।

जिलाधिकारी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं कार्यक्रम के तहत बालिकाओं के भविष्य संवारने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत बताते हुए कहा कि बालिकाएं पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के प्रति जिस शिद्दत और संवेदनशीलता से आगे बढ़ रही हैं, निश्चित रूप से यह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने मेरा सपना-मेरा लक्ष्य कार्यक्रम को बालिकाओं के लिए एक अच्छी पहल बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम न केवल  छोटी-छोटी जरूरतों को समझने में सुविधा प्रदान करेगी बल्कि इनके कैरियर को बुलंदी पर ले जाने के लिए एक पंख साबित होगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने बच्चियों का हौसला बढ़ाते हुए उनसे वाद-संवाद किया और डर के आगे जीत है के मंत्र को साझा करते हुए उन्हें किसी भी परिस्थिति से लड़ने एवं निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने बालिकाओं से कहा कि आप सभी के गोल क्लियर है,अपने सपनो को पूरा करने के लिए मेहनत के साथ साथ अनुशासन अनिवार्य है। खुद पर विश्वास करें,आपके लिए दुनियां में अनंत संभावनाएं भरी है। इस दौरान बालिकाओं और उनके परिवारों के सामने चुनौतियां,जरूरतें उनके आधार पर मूलभूत सहायता उपलब्ध कराने के विषय में भी विचार विमर्श किया गया। 

जिलाधिकारी ने किसी भी कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत को सफलता का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि जिस भी फील्ड में आप जाना चाहते है,उस क्षेत्र की बेसिक जानकारी होने के साथ साथ आपके अंदर अनुशासन होना बेहद जरूरी है,जो सफलता की राह को और आसान बनाती है। उन्होंने कहा कि एक्सपोजर विजिट से ज्ञान की प्राप्ति और जीवन की दिशा निर्धारित करती है। उन्होंने बालिकाओं से डॉक्टर शिक्षक, इंजीनियर क्षेत्र के अलावा कला,साहित्य, फाइन आर्ट्स,मीडिया,स्वरोजगार व अन्य क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं बताते हुए लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

बता दें कि जिलाधिकारी आशीष भटगांई के प्रयासों एवं उनके अभिनव पहल से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत जिले में मेरा सपना-मेरा लक्ष्य (म्यर स्वैण-म्यर लक्ष्य) कार्यक्रम विगत 19 सिंतबर से प्रारंभ किया गया है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण अंचलों एवं दूर दराज की बालिकाओं में छिपी प्रतिभाओं को निखारना है। बालिकाओं के लक्ष्य को सही दिशा दिखाने और उनकी जिज्ञासाओं के लिए  विभिन्न विभागों की कार्यशैली तथा योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर जरूरी जानकारी साझा की जा रही है। दूसरे सत्र में आज बालिकाएं विकास भवन में संचालित विभागों और कलेक्ट्रेट के सभी अनुभागों की कार्यशैली देखेगी। साथ ही सम्बंधित अधिकारियों से आवश्यक जानकारियां भी लेगी।  
कार्यक्रम में सीडीओआरसीतिवारी, उपजिलाधिकारी मोनिका,जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ मंजुलता यादव,खंड शिक्षा अधिकारी गरुड़ कमलेश्वरी मेहता सहित अन्य महिला अधिकारी और विद्यालयों की शिक्षिकाएं व बालिकाएं उपस्थित रही।