बागेश्वर: हरेला पर्व एवं “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित



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बागेश्वर जिलाधिकारी आशीष भटगाई के नेतृत्व में बुधवार को हरेला पर्व एवं “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रातः कलेक्ट्रेट परिसर एवं नीलेश्वर मंदिर प्रांगण में आयोजित हुआ, जिसमें जिलाधिकारी समेत कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि हरेला पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर है, जो प्रकृति से जुड़ाव और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। “एक पेड़ माँ के नाम” मुहिम मातृप्रेम से प्रेरित होकर पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाती है।

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में इस अवसर पर एक ही दिन में 50,000 पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, और पूरे माह ये अभियान चलता रहेगा, जिसे विभिन्न विभागों, विद्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं, आदि के सहयोग से पूरा किया जाएगा। उन्होंने सभी जनपदवासियों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का आग्रह किया।
वृक्षारोपण के दौरान आम, पीपल, बड़, नीम, आंवला, तेजपत्ता, बेल आदि प्रजातियों के पौधे लगाए गए। जिले भर में जिला स्तरीय अधिकारी, वन विभाग, नगर पालिका, शिक्षा विभाग, स्वयंसेवी संगठनों आदि अपने स्तर पर वृक्षारोपण के कार्यक्रम संचालित करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि वृक्ष केवल पर्यावरण का संतुलन ही नहीं बनाए रखते, बल्कि यह भावी पीढ़ियों को स्वस्थ भविष्य देने का माध्यम भी हैं। उन्होंने सभी को एक-एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल करने का आह्वान किया। उन्होंने जन्मदिन वाटिका बनाने की बात कही जहां कोई भी व्यक्ति जन्मदिन के दिन पौधा रोपण कर सकेगा।
जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान कहा कि वृक्षारोपण केवल संख्या तक सीमित न रहे, बल्कि प्रत्येक लगाए गए पौधे की गुणवत्ता और उसकी देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए ट्रिगार्ड लगाने के आदेश दिए, उन्होंने कहा कि जब तक पौधों की सुरक्षा, देखरेख और उनका उचित स्थान पर रोपण सुनिश्चित नहीं होगा, तब तक वृक्षारोपण का उद्देश्य अधूरा रहेगा।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका मोहम्मद यामीन, रेडक्रॉस चेयरमैन इन्द्र सिंह फर्स्वाण, वृक्ष पुरुष किशन सिंह मलड़ा तथा अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।



