बागेश्वर: कुमाऊं की काशी पहुंच बाबा बागनाथ की दिव्य ज्योति लेकर रवाना , होगा लखनऊ में उत्तरायणी मेले का भव्य आयोजन
बागेश्वर : माघ महिने में लखनऊ में होने वाले उत्तरायणी मेले का शुभारंभ के लिए लखनऊ पर्वतीय महापरिषद के आयोजक कमेटी के धार्मिक प्रकोष्ठ के श्रद्वालु आज बागेश्वर से बाबा बागनाथ की दिव्य ज्योति से ज्योत लेकर लखनऊ को रवाना हो गए हैं। लखनऊ के पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में 15 जनवरी को मेले का शुभारंभ बागनाथ की इसी ज्योत से होगी।
लखनऊ में होने वाले मेले में उत्तराखंड की संस्कृति और लोक कला का प्रचार-प्रसार किया जाता है। पिछले 18 वर्षों से पर्वतीय महापरिषद उत्तरायणी मेले का आयोजन कर रही है। 2016 से आयोजकों ने बाबा बागनाथ से ज्योति ले जाकर मेले की शुभारंभ करने की परंपरा डाली जो आज तक भी जारी है। बागनाथ मंदिर कमेटी के संरक्षक रतन सिंह रावल ने कहा कि उत्तरायणी मेले में बागेश्वर का विशेष स्थान है। ये अच्छी बात है कि लखनऊ में होने वाले मेले में भी उत्तराखंड की संस्कृति और लोक कला का प्रचार-प्रसार किया जाता है।
आयोजक कमेटी के धार्मिक प्रकोष्ठ के पंडित अमित कुमार अवस्थी और पंकज कपिल ज्योति लेने आज बागेश्वर पहुंचे। बागनाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने उनका स्वागत किया। सुबह सरयू नदी के पावन जल में स्नान कर बाबा बागनाथ के दर्शन के बाद उन्होंने बागनाथ मंदिर के भीतर जलने वाले मुख्य दीपक से ज्योति ली। ज्योति को शीशे के बॉक्स में सुरक्षित रखकर लखनऊ को ले गए। वहा बाबा बागनाथ का प्रतीकात्मक मंदिर भी बनाया जाता है जिसमे लोग बाबा बागनाथ मंदिर की वही पूजा कर पाएंगे। बाबा बागनाथ की यह दिव्य ज्योति 14 जनवरी की शाम को लखनऊ पहुंचेगी, जो शुभारंभ के बाद मेला समापन तक अखंड रूप से जलती रहेगी। मेला समापन के बाद ज्योति को समीप के मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। ज्योति रवाना करते समय बागनाथ मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नंदन सिंह रावल, पुजारी रतन रावल, नवीन रावल, दीपक रावल, मोहन रावल, महिपाल भरड़ा आदि मौजूद रहे।