बागेश्वर-(सजा)नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त पाया गया दोषी अदालत ने 20 साल कठोर कारावास की सुनाई सजा और 1 लाख का अर्थदंड भी लगाया

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बागेश्वर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो द्वारा आज एक बड़े फैसले में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के अभियुक्त को दोषी पाते हुए बीस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई , साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अन्य दो धाराओं में एक-एक साल की सजा सुनाई गई है।

विशेष लोक अभियोजक खड़क की कार्की के ने बताया कि गत वर्ष 12 जुलाई को कपकोट तहसील के एक गांव नाबालिग करीब पांच बजे अपनी मां के साथ मवेशियों को ढूंढने के लिए जंगल जा रही थी। मवेशियों को ढूंढने के लिए दोनों अलग-अलग रास्ते से गए। नाबालिग जब बकरियां लेकर लौट रही थी। उसी वक्त उसे खीम सिंह मिला। उसने नाबलिग का हाथ पकड़कर मुंह बंद कर दिया और जंगल की ओर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया और मौके से फरार हो गया। दस साल की नाबालिग लहुलुहान और बदहवास होकर अपने चाचा के घर पहुंची और आपबीती सुनाई। उसी वक्त चाचा और चाची उसे कपकेाट अस्पताल ले गए। यहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां वह भर्ती रही। कार्की ने बताया कि पीड़िता का पिता अत्यधिक शराबी होने के कारण चाचा ने ही 13 जुलाई को आरोपी खीम सिंह पुत्र सोबन सिंह निवासी सूपी तलाई के विरूद्ध 378 (क) (ख) के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपी को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया। मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष कैलाश बिष्टके नेतृत्व में एसआई मनीषा पांडेय ने विवेचना की। बाद में आरोपी के खिलाफ 323, 506 धाराएं बढ़ाई गई। इसके बाद पुलिस ने अरोप पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया। अभियोजन की आरे से उन्होंने 11 गवाह परीक्षित कराए। आरोपी शादीशुदा दो बच्चों का पिता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आज विशेष न्यायधीश पॉस्को शहशाह मोहम्मद दिलवर दानिश ने आरोपी को दोषसिद्ध पाया। उन्होंने अभियुक्त को 376 (क) (ख) में 20 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई तथा एक लाख का जुर्माना लगाया। 323, 506 में एक-एक साल की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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