बागेश्वर:बागेश्वर उद्योग लगायें, स्वरोजगार अपनायें तथा आत्मनिर्भर बनें,यहां हुई कार्यशाला आयोजित
बागेश्वर उद्योग लगायें, स्वरोजगार अपनायें तथा आत्मनिर्भर बनें, यह बात परियोजना निदेशक संजय सिंह ने Ease of doing business में feedback data सुधार, एकल खिड़की व्यवस्था संबंधित विकास भवन में आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि पहाडी क्षेत्रों में छोटे-छोटे उद्योग लगाने हेतु उद्यमियों/इन्वेस्टर्स को प्रोत्साहित कर रोजगार का सृजन कर पलायन को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी उद्यमियो को योजनाओ का लाभ देकर प्रोत्साहित करें, जहां जिस क्षेत्र में जो रॉ मैट्रियल उपलब्ध है, उन क्षेत्रों में वहीं उद्योग लगाने हेतु उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि उद्यमियों का एकल खिडकी में पंजीकरण करते ही उसे सपोर्ट व सुझाव हेतु एकल खिलडी का कोई विषय विशेषज्ञ उन्हें फॉलोअप करे, ताकि उद्यमी को किसी भी प्रकार की समस्या का समाना न करना पडें तथा उनके समय की भी बचत हो। एकल खिडकी कार्यशाला के दौरान अन्सर्ट एन्ड यंग संस्था के कॉन्सल्टेंट मनोज शर्मा ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम का मुख्य उद्देश्य उद्यमी, इंन्वेस्टर का समय कम करने के साथ ही पारदर्शिता लाना हैं, तथा एक ही प्रार्थना पत्र से संबंधित सभी विभागों की सेवायें प्रदान करना है। उन्होंने बताया गया कि विश्व बैंक द्वारा जारी व्यापार सुगमता सूचकांक (Ease Of Doing Busine) किसी भी देश के व्यापार परि–श्य की सुगमता को मापता है, जिसमे व्यापार सुगमता सूचकांक के मानक हैं। व्यवसाय शुरू करना, निर्माण परमिट, विद्युत, संपत्ति का पंजीकरण, ऋण उपलब्धता, अल्पसंख्यक निवेशकों की सुरक्षा, करों का भुगतान करना, सीमाओं के पार व्यापार करना, अनुबंध लागू करना है व मानक श्रमिकों को नियुक्त करना है, साथ ही उन्होंने बताया कि उत्पादों के आयात-निर्यात प्रक्रिया संबंधी जानकारी के लिये विभिन्न मंत्रालयों की वेबसाइटों पर अनेक अधिसूचनाएँ हैं, परंतु वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं को इनसे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इस समस्या को दूर करने के लिये ऑनलाइन एकल विंडो प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया गया हैं। उन्होने बताया कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए सभी 24×7 टॉल फ्री नंबर 7618544555 पर कॉल कर अपने समस्या का समाधान कर सकते हैं। इसके साथ ही भारत में व्यवसाय शुरू करना अधिक आसान बनाया गया, साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का बेहतर प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि सिंगल विंडो सिस्टम में शिक्षा, उद्यान, जिला प्रशासन, उरेडा, चिकिसा, कॉपरेटिव सोसायटी, खनन, राजस्व, जल संस्थान, ऊर्जा, श्रम, वन, पर्यटन विभाग, स्वास्थ, उद्योग, ग्रामोद्योग जैसे कई विभाग उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित किया गया हैं, साथ ही निर्माण, प्रदूषण, विद्युत संयोजन आदि परमिट प्राप्त करने और निर्माण गुणवत्ता में लगने वाला समय भी कम होगा। लघु और मध्यम उद्योगों की क्षमता को ठीक से पहचान कर इनमें वित्त के प्रवाह को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिये छोटे-छोटे कलस्टर विकसित किये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है। इस प्रकार से निवेश लागत कम होगी और देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।इसके साथ ही उन्होंने इससे सम्बंधित अन्य जानकारी भी प्रदान की।महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल ने कार्यशाला में सभी अधिकारियों व उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि सभी सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म का उपयोग करे, ताकि समय से सभी योजनाओं के लाभ प्राप्त किया जा सकें। उन्होने सभी विभागीय अधिकारियो से कहा कि वे अपने विभागीय संबंधित प्रार्थना पत्र का समयबद्ध निस्तारण करें। कार्यशाला में उद्यमियों व अधिकारियों ने भी अपने-अपने सुझाव रखें। कार्यशाला में ग्रामोद्योग अधिकारी के.एस.कर्मयाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुेलखा बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक एसएस राणा, अधि0अभि लोनिवि बागेश्वर राजकुमार, कपकोट संजय पांडे, जल संस्थान डीएस देवडी, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या, जिला अर्थ एवं सख्याधिकारी दिनेश सिंह, परियोजना अधिकारी उरेडा पीएस रावत, उद्यमी दलीप खेतवाल, नरेन्द्र खेतवाल, जल शिक्षण संस्थान से डॉ0 जितेन्द्र तिवारी तथा अन्सर्ट एन्ड यंग संस्था के अंकित द्विवेदी आदि मौजूद रहें।