बागेश्वर:(Big News) पिंडर घाटी की सुध लेने वाला कोई नही- हरीश ऐठानी

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  • आपदा राहत में पूरी तरह से विफल है सरकार व ज़िला प्रशासन
  • आठ परिवारों को बना हुआ है जान-माल का खतरा
  • सड़क, संचार व बिजली सभी आपदा की चपेट में आने से टूटा मुख्यालय से सम्पर्क
  • किलपारा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बन रही सड़क 50 मीटर से अधिक पूरी तरह ध्वस्त से पैदल चलना भी हुआ मुश्किल

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कपकोट के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दो दिवसीय पैदल भ्रमण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की बंद पड़े मोटर मार्गों खोलने एवं क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों को तत्काल ठीक करने व प्रभावित परिवारों को अन्यत्र विस्थापित कर सुरक्षित करने की मांग की।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने तहसील कपकोट के दूरस्थ क्षेत्र धूर, उंगिया, तीख, डौला, बदियाकोट, सोराग व किलपारा आदि क्षेत्रों का भ्रमण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया।

इस दौरान उन्होंने आपदा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। ग्रामीणों ने बताया कि बदियाकोट के तोक कुमतोली में पैदल पुलिया टूटने से आवागमन बाधित हो गया है। जिसके चलते बच्चों के स्कूल जाने का भी मार्ग बाधित हो गया है। पशुपालन विभाग के भवन की सुरक्षा दिवार टूटने से खतरा बना हुआ है। इस क्षेत्र के कई पुल इसकी आपदा की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हैं जिस कारण लोगों को जान खतरा बना हुआ है।

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उन्होंने बताया कि पटाक के इण्टर कॉलेज से प्राथमिक विद्यालय व एएनएम सेंटर को जाने वाला मार्ग जगह-जगह टूटने से लोगों के मुसीबत बना हुआ है। वही बच्चे जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से चलने को मजबूर हैं उनकी सुध लेना वाला सरकार व प्रशासन में कोई नही है। सोराग में जगह जगह भू धसान होने के कारण लोगों को भारी नुक़सान हुआ है। उनकी फसल क्षतिग्रसत हो गयी है। सड़क किनारे नालिया न होने के कारण जगह-जगह सड़क मार्ग बाधित है, वहीं छोटी गाड़ियाँ निकलने में भी हो रही भारी दिक़्क़तें। वहीं किलपारा में कई लोगों के घरों में मलवा व पानी घुसने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को जान का खतरा बना हुआ है।

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उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व उंगिया में बादल फटने से भारी तबाही मची है। आवासीय भवनों को खतरा बना हुआ है। भ्रमण के दौरान केशर सिंह पुत्र आन सिंह सहित आठ परिवारों ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से प्रशासन से अन्यत्र सिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि मोटर मार्ग के साथ बसे निचले गांव में 08 मकान हैं, इनमें पानी व मलबा घुसने से नुकसान हुआ है और एक मकान पूरी तरह से आपदा की जद में है। जिस कारण आवसीय मकानों में बड़े बड़े दरारें पड़ गयी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन उन्हें जल्द किसी सुरक्षित जगह पर विस्थापित कर उचित मुआवज़ा दिया जाये।

जगह जगह अतिवृष्टि से सड़क मार्ग, विधुत व संचार सुविधाएँ क्षतिग्रस्त हो गयी है। जिससे हमारा संपर्क तहसील एवं जिला मुख्यालय से कट गया है। जबकि किलपारा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बन रही सड़क 50 मीटर से अधिक पूरी तरह ध्वस्त हों गयी है जिसके चलते लोगों का पैदल चलना भी मुसीबत बना हुआ है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी कपकोट को आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर आपदा से हुए नुकसान, लोनिवि व पीएमजीएसवाई के बंद पड़े मोटर मार्गो को यातायात के लिए सुचारू करने की मांग की।

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उन्होंने अपने इस दो दिवसीय पैदल भ्रमण पर जगह-जगह लोगों से मुलाक़ात कर आपदा का जायज़ा लेते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया है कि आपदा के सभी दावे खोखले हैं। एक ही बरसात ने सरकार व प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि पिंडर घाटी की सुध लेने वाला कोई नही है, सभी भगवान भरोसे चल रहा है। गनीमत रही है कि इस तबाही में जानी नुकसान नहीं हुआ है। इस दो दिवसीय पैदल भ्रमण में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य ख़िलाफ़ दानू, नैन सिंह दानू, भगवत दानू व खजान सिंह साथ रहे।

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