बागेश्वर: “द आयरन लेडी” पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी का कांग्रेस जनो ने मनाया जन्मदिवस

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आज दिनांक 19 नवंबर 2023 को जिला कांग्रेस कार्यालय में अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी बागेश्वर भगवत सिंह डसीला के नेतृत्व में “द आयरन लेडी” स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी का जन्मदिवस इंदिरा जी की फोटो पर पुष्प माला अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर मनाया गया। समस्त जनपद के प्रबुद्ध कांग्रेसजनों समस्त अनुषांगिक प्रकोष्ठों के अध्यक्षगण व पदाधिकारीगण कार्यकर्ताओं की गरिमामय उपस्थिति में जन्म दिवस मनाया गया। इस दौरान उनके जीवन पर गहनता के साथ प्रकाश डालते हुवे जिलाध्यक्ष डसीला उनकी सम्पूर्ण जीवनी पर विस्तृत प्रकाश डालते हुवे कहा कि भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक अजीम शख्सियत थी, उनके भीतर गजब की राजनैतिक दूरदर्शिता थी। इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ, पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वालों में से अग्रिम पंक्ति में शामिल थे। उनके नक्शे कदमों में चलकर इंदिरा ने राजनीतिक गुरु सीखें मात्र ग्यारह साल की उम्र में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए बच्चों की वानर सेना तैयार की, 1938 में वह औपचारिक तौर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुई, और 1947 से लेकर 1964 तक अपने प्रधानमंत्री पिता के साथ काम किया, इंदिरा को राजनीति विरासत में मिली, और ऐसे में सियासी उतार-चढ़ाव को वह बखूबी समझती थी, वह सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के कार्यकाल में शास्त्री मंत्रीमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनी। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद 1966 में वह देश के सबसे शक्तिशाली पद प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुई इंदिरा गांधी को 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष पद पर कार्य करने का मौका प्राप्त हुआ 1971 में उन्होंने गरीबी हटाओ कार्यक्रम शुरू किया था। जिसके अंतर्गत गरीबों के हितों की बात कही गई, स्वर्गीय इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में खास तौर से बदलाव लाते हुए प्रगति की गई थी, जो आज भी युवा वर्ग को प्रोत्साहित करता हैं, स्वर्गीय इंदिरा जी के ऐतिहासिक फैसलों ने देश ही नहीं बल्कि समस्त विश्व को आश्चर्यचकित होने पर मजबूर कर दिया, उन्होंने 19 जुलाई 1969 को बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने का अध्यादेश बनाया, 1971 में पाकिस्तान को युद्ध में हरा कर 90.000 हजार सैनिकों को युद्ध बंदी बना भारतीय सैनिकों ने विश्व भर में अपनी युद्ध कला कौशल का लोहा मनवा कर बांग्लादेश को अलग स्वतंत्र देश बनाने का काम किया। 1984 में ऑपरेशन मेघदूत में भारत का सियाचिन पर कब्जा 1974 में परमाणु परीक्षण करके भारत ने पूरे विश्व को हैरत में डाल दिया। स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को अपना को आपातकाल लगा दिया, और बड़ी संख्या में अपने विरोधियों के गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए। भारतीय लोकतंत्र में इस आपातकाल को तकरीबन 19 माह तक रखा गया, जो कि भारतीय इतिहास में इस आपातकाल को काला दिवस भी कहा जाता हैं। जरनैल सिंह भिंडरवाले और उनके सैनिक भारत का बंटवारा करना चाहते थे, उनकी मांग थी कि पंजाबियों के लिए अलग देश खालिस्तान बनाया जाए भिंडर वाले के साथी अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में छुपे हुए थे, उन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार स्वर्गीय इंदिरा जी के आदेश पर चलाया, और सभी आतंकियों को मौत के घाट उतार कर गोल्डन टेंपल को आतंकियों से मुक्त कराया, पृथ्वी “प्रिवी पर्स” यानी राज भत्ते को खत्म करना, आजादी के बाद भारत में अपनी रियासतों का विलय करने वाले राज परिवारों को एक निश्चित रकम देने की शुरुआत की गई थी, इस राशि को राजभत्ता या प्रिवी पर्स कहा जाता था। स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने साल 1971 में संविधान में संशोधन करके राजभत्ते की इस प्रथा को खत्म किया, और इंदिरा जी ने इसे सरकारी धन की बर्बादी बताया था। इन्हीं महान और ऐतिहासिक फैसलों के वजह से उन्हें “द आयरन लेडी” के नाम से विश्व भर में जाना जाने लगा, “द आयरन लेडी” स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी की जयंती मनाई गई, एंव इंदिरा जी के जीवनी में विचार गोष्ठी व उनके ऐतिहासिक निर्णयों में विस्तृत जानकारी साझा की गई, और प्रधानमंत्री रहते हुए उनके ऐतिहासिक फैसले व उनके जीवन में आये उतार-चढ़ाव पर चर्चा की गई।