38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड में विकसित की गई अवस्थापना सुविधा की खिलाड़ी हों या उनके कोच सभी बेहतरीन बता रहे हैं

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38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड में विकसित की गई अवस्थापना सुविधा की सराहना हो रही है। खिलाड़ी हों या उनके कोच, सभी खेलों के लिए तैयार किए गए बुनियादी ढांचे को बेहतरीन बता रहे हैं। उनका यह भी मानना है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बेहतर इंतजाम कर उत्तराखण्ड ने खेल भूमि बनने की दिशा में अपनी नई पहचान बनाई है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देशभर से आए मेहमानों से अवस्थापना सुविधाओं को लेकर सराहना मिलने से उत्तराखण्ड उत्साहित है। हम चाहते हैं कि ना सिर्फ उत्तराखण्ड, बल्कि अन्य राज्यों की खेल प्रतिभाओं के विकास में भी हम मददगार साबित हों। अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।

पश्चिम बंगाल की शूटिंग कोच माया ने कहा कि मैं सियोल एशियाई गेम्स में भारत की शूटिंग टीम का हिस्सा रही हूं। देश-विदेश में कई जगह शूटिंग रेंज देखने का मेरा अनुभव है। मैं कह सकती हूं कि त्रिशूल शूटिंग रेंज देहरादून बेहद बेहतरीन है। इसकी देख-रेख के लिए अच्छे इंतजाम हो जाएं, तो यहां बडे़ खेल आयोजन हो सकेंगे।

मणिपुर के टेक्निकल ऑफिसर आशीष शर्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होने के कारण मैं कह सकता हूं कि अवस्थापना सुविधाएं विश्व स्तर की तैयार की गई हैं। जिस तरह से गुवाहाटी में राष्ट्रीय खेल होने के बाद वहां पर रख-रखाव बढ़िया से किया गया, अब वैसा ही यहां भी होना चाहिए।

झारखण्ड की आर्चरी खिलाड़ी कुमालिका ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों को अब इससे आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही यूपी आर्चरी टीम के कोच प्रियांक ने कहा कि “मैैं एक खिलाड़ी भी रहा हूं और वर्तमान में कोच की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। मेरा मानना है कि उत्तराखण्ड में खेल के लिए बहुत ही अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। इसका आने वाले दिनों में लाभ मिलेगा।

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