देहरादून-(Big News) प्रदेश में बढ़ने लगा बिजली संकट , इन क्षेत्रों में जानिए कितने घंटे तक हो रही बिजली कटौती
देहरादून- ऊर्जा प्रदेश के नाम से जाने जाने वाले उत्तराखंड में बिजली की संकट चुनौती बन रहा है, जिससे कटौती की समस्या खड़ी हो गई है। जानकारी के मुताबिक फर्नेस उद्योग में 4 घंटे की कटौती व 2 घंटे तक की कटौती ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है। दरअसल गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की डिमांड भी बढ़ने लगी है। उधर उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) का बिजली उत्पादन भी घटता नजर आ रहा है। इससे बिजली की मांग और सप्लाई के अंतर में इजाफा होने से उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का सप्लाई सिस्टम गड़बड़ा गया है, जिसके चलते प्रदेश में बिजली की संकट गहराने लगी है। जिसके चलते प्रदेश में बिजली की कटौती शुरू हो गई हैं। बता दें रात के समय फर्नेस उद्योगों में 4 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2 घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है। कई बार बड़े शहरों में भी कटौती करनी पड़ रही है।आपको जानकारी देते हुए बता दें कि वर्ष 2022 में 1 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच उत्तराखंड में 196.231 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली का उत्पादन किया गया था। वहीं इस वर्ष उसी अवधि में 124.659 एमयू बिजली पैदा हुई। बात करें गतवर्ष की तो 2022 में प्रतिदिन औषध बिजली उत्पादन 13 मिलियन यूनिट था, जो इस साल अभी तक 8 मिलियन यूनिट है। इस कारण से अघोषित कटौती बढ़ा दी गई है। साथ ही खुले बाजारों में भी बिजली के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यहां बिजली के दाम शाम 6 से सुबह 6 बजे तक 10 रूपये प्रति यूनिट तक पहुंच गया है। वहीं इसकी औसतन कीमत 3.50 रूपये प्रति यूनिट है। ऐसे में फर्नेस उद्योगों में रात 9 बजे से 2 के बीच कटौती शुरू हो गई है।इसी प्रकार देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की जा रही है। ज्यादा बिजली संकट की स्थिति हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रुड़की जैसे शहरों में भी है जहां थोड़े समय के लिए बिजली कटौती करनी पड़ रही है। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि बिजली की मांग अचानक बढ़ने व खुले बाजार में पीक टाइम में आसानी से बिजली उपलब्ध नहीं होने से कुछ दिक्कत आ रही है। पूरा प्रयास है कि अतिरिक्त बिजली का इंतजाम जल्द से जल्द कर लिया जाए।
उत्तराखंड में बिजली संकट को दूर करने के लिए यूपीसीएल शॉर्ट टर्म एग्रीमेंट की तैयारी कर रहा है। प्रदेश में अप्रैल और मई में बिजली के संभावित संकट का सामना करने के लिए यूपीसीएल शॉर्ट टर्म टेंडर के जरिए अतिरिक्त बिजली जुटाने की तैयारी में है। यूजेवीएनएल के घटते बिजली उत्पादन की वजह से पैदा हुई दिक्कत से निपटने को 200 मेगावाट बिजली और जुटाई जा रही है।
इस वर्ष अप्रैल में बिजली की डिमांड बीते वर्ष के मुकाबले ज्यादा है। बता दे गतवर्ष अप्रैल में बिजली की डिमांड 41.54 मिलियन यूनिट थी, जो कि इस वर्ष 42.64 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि इस बार अप्रैल के अंत तक बिजली की डिमांड गत वर्ष की रिकॉर्ड डिमांड 48.27 मिलियन यूनिट के भी पार करने की संभावना है। साथ ही आपको बताते चलें कि केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता मिलने के बाद भी बिजली संकट से राहत नहीं मिल रही है। इस बार बिजली संकट की स्थिति तब बन रही है, जब की केंद्र सरकार प्रतिदिन 3.31 यूनिट बिजली अतिरिक्त उपलब्ध करा रही है। केंद्र सरकार से पिछले साल तक अप्रैल महीने में 16.82 एमयू बिजली मिलती थी जबकि इस बार 20.13 एमयू मिल रही है।