मुझे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया मुझ पर लगे सभी आरोप निराधार – हरीश चंद्र सिंह ऐठानी
बागेश्वर: अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर रहतेे हुए उनके कार्यों में अनियमितता के आरोप साबित होने के बाद अपनी सदस्यता गंवाने वाले निवर्तमान जिपं सदस्य हरीश चंद्र सिंह ऐठानी ने अपने खिलाफ हुई जांच को राजनीतिक साजिश बताया है। ऐठानी ने कहा कि अब तक उन्होंने जहां से जो भी चुनाव लड़े हैं, भारतीय जनता पार्टी उन्हें पराजित नहीं कर पाई है। आगामी समय में भी पंचायत और लोकसभा 2024 के चुनाव नजदीक हैं। और राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए जल्दबाजी में सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
जिला पंचायत की सदस्यता समाप्त होने के बाद बागेश्वर टीआरसी में पत्रकार वार्ता में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि उन पर पूर्व विधायक ने आरोप लगाए हैं। आरोपों में कहीं भी वित्तीय अनियमितता की बात नहीं कही गई है।उन्होंने कहा कि जिन 15 बिंदुओं को उठाया गया है वह जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी, वित्त नियंत्रक, निविदा समिति आदि की संस्तुति के अनुसार होते हैं। बावजूद इसके जांच केवल अध्यक्ष की कराई गई। 28 अप्रैल को उनकी जिला पंचायत सदस्य के पद से सदस्यता समाप्त करने का आदेश उन्हें पांच मई की सुबह मिलता है जबकि इससे पूर्व ही वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
आखिर पत्र उनके पास आने की बजाय कैसे वायरल हो गया, यह भी जांच का विषय है। इस दौरान ऐठानी ने कहा कि यह सिर्फ पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लिया गया निर्णय है। इस पूरे मामले को लेकर कानूनी राय ली जा रही है और उन्होंने कहा कि न्यायालय पर मुझे पूर्ण भरोसा है। इस मौके पर पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवत डसीला, पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस लोकमणि पाठक भी मौजूद रहे।वहीं पीसी के दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने यह भी कहा कि उस दौरान राजकीय इंटर कालेज रातिरकेटी में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई में प्रभाव पढ़ रहा था जिसको लेकर छात्रों द्वारा जिला मुख्यालय पहुंच जिला प्रशासन के सम्मुख भी अपनी शिक्षकों की मांग की जा रही थी ताकि उन्हें बोर्ड परीक्षा में किसी तरह की कोई परेशानी न हो छात्रों के हित को देखते हुवे रातिरकेटी में पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति वित्त अधिकारी की स्वीकृति के बाद की गई और भुगतान भी सीधे प्रधानाध्यापक के खाते में किया गया था, उसी साल विद्यालय प्रदेश की बोर्ड परीक्षा में पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा। ऐठानी ने कहा अगर बच्चों के भविष्य के लिए मेरी सोच गलत थी तो उस अवधि के दौरान शिक्षकों को हुए भुगतान के 60 हजार रुपये वो समस्त क्षेत्रवासियों से घर-घर जाकर एकत्र कर और जमा कर देने की बात उन्होंने कही। ऐठानी ने अन्य बिंदुओं पर भी सवाल खड़े किए वहीं ऐठानी की सदस्यता समाप्त होने से कांग्रेसियों में भी भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।जिसका कांग्रेसियों द्वारा विरोध किया जा रहा है।आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने भाजपा पर पूरे देश में विपक्षियों को साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और मामले में प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।
कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष भगवत सिंह डसीला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में भागेदारी की पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्षों और सदस्यों को जबरन निशाना बनाया जा रहा है। अपने कार्यकाल में बेहतरीन कार्य कर प्रदेश स्तर पर पहचान बनाने वाले ऐठानी के खिलाफ गहरी साजिश रची गई है।
जिलाध्यक्ष कांग्रेस भगवत डसीला, पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण और पूर्व जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक ने कहा कि भाजपा के मंत्री बीच सड़क गालीगलौज और मारपीट करते हैं उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई अमल नहीं लाई जाती। जनता के लिए आगे बढ़कर काम करने वाले कांग्रेस के नेताओं को राजनीतिक षडयंत्र कर फंसाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस तरह की साजिशों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस ऐठानी की सदस्यता समाप्त करने के इस पूरे मामले के खिलाफ न्यायालय से लेकर सड़क पर लड़ाई लड़ेेगी, इस दौरान महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपा धपोला, कपकोट नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट, राजेंद्र टंगड़िया, वंदना ऐठानी, रंजीत दास, समेत कांग्रेस के अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।