बागेश्वर:आगामी मानसून सीजन को देखते हुए सभी विभागों को अपनी तैयारियां चुस्त-दुरुस्त रखने के निर्देश

Ad
ख़बर शेयर करें

कपकोट/बागेश्वर आगामी मानसून सीजन को देखते हुए विधायक सुरेश गढ़िया और जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने सभी विभागों को अपनी तैयारियां चुस्त-दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जोर दिया कि मानसून के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरती जाए और अतिवृष्टि व भूस्खलन के कारण बाधित होने वाली सड़कों, बिजली और पेयजल आपूर्ति को बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

सोमवार को कपकोट तहसील सभागार में आयोजित बैठक में विधायक सुरेश गढ़िया ने आपदा प्रबंधन कार्ययोजना, राहत केंद्रों की संख्या, रेस्क्यू टीमों की तैनाती, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और मोटर मार्गों की स्थिति पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि कपकोट क्षेत्र आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है, इसलिए अधिकारियों को यहां विशेष सतर्कता बरतनी होगी। विधायक गढ़िया ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन, पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, जल संस्थान और विद्युत विभाग जैसे सभी प्रमुख विभाग निरंतर समन्वय बनाकर कार्य करें, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या अव्यवस्था उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि हमारा अंतिम उद्देश्य जन सुरक्षा और राहत कार्यों की तत्परता सुनिश्चित करना है। उन्होंने विस्थापन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने, संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने, शून्य जन व पशुहानि सुनिश्चित करने तथा एक सप्ताह के अंदर पानी निकासी की उचित व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।

जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने भी सभी विभागों को जनहित को सर्वोपरि रखते हुए संवेदनशील विद्यालयों और संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य केवल आपदा से निपटना नहीं, बल्कि समय रहते सुरक्षा उपाय अपनाकर आमजन को भरोसा और सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने लापरवाही या शिथिलता न बरतने की सख्त हिदायत दी।
जिलाधिकारी ने कहा कि अतिवृष्टि, भूस्खलन से सड़कों के बंद होने और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं की तत्काल नियंत्रण कक्ष को जानकारी दी जाए। किसी भी आपदा या आकस्मिकता की स्थिति में संबंधित अधिकारी अविलंब नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर परस्पर समन्वय बनाकर स्थिति से निपटने के लिए तत्परता से कार्यवाही करें। उन्होंने अवरुद्ध सड़कों, बिजली और पेयजल आपूर्ति को कम से कम रिस्पांस टाइम में बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। संवेदनशील स्थानों पर सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनों और अन्य संसाधनों की नियमित तैनाती व तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया। वैकल्पिक मार्गों पर भी पर्याप्त संख्या में संसाधनों की तैनाती रखते हुए उन्हें सुचारू रखा जाए। जिलाधिकारी ने “जीरो पेंडेंसी” के तहत कार्य करने पर भी जोर दिया।

जिलाधिकारी ने अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाएं और एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जल संस्थान को पर्याप्त संख्या में पाइप व पेयजल टैंकर और विद्युत विभाग को विद्युत पोल, तार एवं ट्रांसफार्मर की व्यवस्था रखने को कहा गया। जिला पूर्ति अधिकारी को मानसून अवधि के लिए खाद्यान्न एवं ईंधन का पर्याप्त भंडारण करने के निर्देश दिए गए। सिंचाई विभाग को संवेदनशील नदी, नाले, गधेरों में चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बैठक में बताया कि कुल 104 विद्यालय और 363 पंचायत भवन आपदा की दृष्टि से चिन्हित किए गए हैं, जिनका उपयोग राहत कार्यों में किया जाएगा। आपदा संभावित क्षेत्रों में कुल 18 रेस्क्यू पॉइंट और 101 होल्डिंग सेंटर बनाए गए हैं। 30 से अधिक मोटर मार्गों की समीक्षा की गई है, और 61 संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है जहां आवश्यकतानुसार मशीनरी और सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष गीता ऐठानी, प्रशासक विकासखंड गोविंद सिंह दानू, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, उपजिलाधिकारी मोनिका, अनिल सिंह रावत, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कुमार आदित्य तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, ईई लोनिवि संजय पांडे, पीएमजीएसवाई के अंबरीश रावत, विद्युत विभाग से मोहम्मद अफजाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

Ad Ad
Ad Ad