बागेश्वर: लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया इन्द्रमणि बडोनी का जन्म दिवस
(24 दिसम्बर-लोक संस्कृति दिवस)
24 दिसम्बर, 2024 बागेश्वर। उत्तराखण्ड के गाँधी के रूप में मशहूर इन्द्रमणि बडोनी के जन्मदिन को विक्टर मोहन जोशी स्मारक रा०इ०का० बागेश्वर में लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक विनय कुमार आर्य, विशिष्ट अतिथि वृक्ष मित्र किशन सिंह मलड़ा, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पर्वतीय व प्रधानाचार्य दीप चन्द्र जोशी ने इन्द्रमणि बडोनी जी की प्रतिमा में माल्यार्पण व दीप प्रज्वल्लित कर किया।
मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक विनय कुमार आर्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य गठन आनन्दोलन में इन्द्रमणि बडोनी ने केन्द्रीय भूमिका निभाई थी। वे अपने लोक संस्कृति से बहुत प्रेम करते थे। उन्हीं के जन्मदिन को हम लोक संस्कृति दिवस के रूप में मना रहें हैं। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों को अपनी लोक संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
विशिष्ट अतिथि वृक्ष मित्र किशन सिंह मलड़ा ने अपने सम्बोधन में कहा कि इन्द्रमणि बडोनी ने अपने जीवन काल में हमेशा ही अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा दिया। उन्हीं के पद चिन्हों पर चलकर हमें भी अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। आज आधुनिक युग में हम अपनी लोक संस्कृति को खोते जा रहे हैं, इसे संजोकर रखने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार रमेश प्रकाश पर्वतीय ने अपने सम्बोधन में कहा कि कुमाऊंनी हमारी बोली है, हमें अपनी बोली बोलनी आनी चाहिए एवं घर समाज में अपनी कुमाऊंनी बोली में ही बात करनी चाहिए।
विशिष्ट अतिथि पूर्व शिक्षा अधिकारी भगवत सिंह रौतेला ने छात्र-छात्राओं द्वारा किये गये कार्यक्रमों व लगाये गये स्टॉल आदि की प्रशंसा की।
प्रधानाचार्य दीप चन्द्र जोशी ने उपस्थिति लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि इन्द्रमणि बडोनी गाँधीवादी विचार के थे उन्होंने देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति के लिए जीवनभर संघर्ष किया वे प्रसिद्ध रंगकर्मी भी थे। उनके जन्मदिन को हम आज लोक संस्कृति दिवस के रूप में मना रहे हैं।
इस अवसर पर छात्र/छात्राओं की निबन्ध प्रतियोगिता व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रियांशु कुमार, सागर सिंह मलड़ा, साहिल कुमार ने कमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबन्ध प्रतियोगिता में सागर जोशी व गौरव जोशी ने कमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र व पुरस्कार प्रदान किये गये। छात्र-छात्राओं के द्वारा पहाड़ी आभूषण, औजार (दराती, कुदाल, कुल्हाड़ी, फावडा आदि), पहाड़ी साग सब्जी, फल, टोपी, वस्त्र, डाले, सूपे, डोके, ओखल, हुड़का आदि की प्रदर्शनी लगाई। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम लोकनृत्य, लोकगीत, झोडा, चांचरी, मांगलिक गीत, जागर आदि प्रस्तुत किए।
समस्त छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व उपस्थित अभिभावकों ने कुमाऊंनी पकवान भट्ट के डुबके व भात का सामूहिक भोज किया। छात्र-छात्राओं ने सिंगल, पुए, बड़े, च्यूडे, फूलदेई, हरेला पर्व आदि को प्रदर्शित करते हुए उत्तराखण्ड की परम्परा व संस्कृति की जानकारी भी साझा की। स्थानीय लता तिवारी एवं साथियों ने बहुत ही सुन्दर मांगलिक गीत प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता संजय कुमार टम्टा ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक हेम चन्द्र जोशी, राजेन्द्र प्रसाद, गोविन्द प्रकाश, गिरीश रावत, सुरेश राम, संजय कुमार, आलम राम पाल, जितेन्द्र वर्मा, प्रताप महरा, मनोज असवाल, चम्पा बोरा, नीलम कार्की, दीक्षा दानू, निर्मला पाण्डे, ममता नेगी, तुलसी राम समेत डी०एल०एड० प्रशिक्षु एवं अभिभावक लोग उपस्थित थे।