बागेश्वर वनाग्नि घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण तथा प्रबंधन के लिए इस दिन प्रदेश में यहां मौक अभ्यास

बागेश्वर वनाग्नि घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण तथा प्रबंधन के लिए 13 फरवरी को अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी व देहरादून में मॉक अभ्यास किया जाना है। मंगवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय से वनाग्नि मॉक अभ्यास हेतु टेबल टॉप आयोजित हुआ। जिलाधिकारी आशीष भटगांई के निर्देशानुसार जिले से भी संबंधित अधिकारी टेबल टॉप में वीसी के माध्यम से जुड़े। जिसमें आईआरएस टीमों को आपदा प्रबंधन टेबल टॉप अभ्यास के माध्यम से जानकारी दी व विभिन्न टीमों के कार्यो एवं भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया।
इस दौरा राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने आपदा की स्थिति में संसाधनों को जुटाना और उनके संचालन को लेकर भी कार्य योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मॉक अभ्यास के दौरान चिन्हित जगहों पर प्राकृतिक आपदाओं से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर बचाव-राहत कार्यो का मॉक अभ्यास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मकसद आपदा के समय इंसीडेंट रिस्पांस टीमों की आपतकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना है। इस दौरान विभागों को आपदा के दौरान आपसी समन्वय और जिम्मेदारी को लेकर भी अवगत करवाया गया है। सात जिलों में चिन्हित 17 साइटों पर मॉक अभ्यास वास्तविक आपात स्थिति की तरह ही किया जाएगा। इससे जिला आपदा प्रबंधन योजना के अलावा विभागों की अपनी आपदा प्रबंधन योजना की भी समीक्षा होगी। आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को मॉक ड्रिल को पूरी गंभीरता से लेने को कहा गया। तथा मॉक ड्रिल को केवल अभ्यास भर नहीं बल्कि वास्तविक घटना की तरह ही लेने तथा असल आपदा के समय की परिस्थिति के मुताबिक ही प्रतिक्रिया करने को कहा गया। इससे सुधार की दृष्टि से प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों की सही पहचान हो सकेगी। जिससे आपदा प्रबंधन योजना को आगे और कारगर बनाने में मदद मिलेगी।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, उपजिलाधिकार मोनिका, अनुराग आर्या, अर्थ सख्याधिकारी दिनेश रावत, प्रभारी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी हरीश रावल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
जिला सूचना अधिकारी
बागेश्वर।

