बागेश्वर:छठे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. रविशंकर, सदस्य डॉ. एम.सी. जोशी एवं श्री पी.एस. जंगपांगी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली

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बागेश्वर छठे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. रविशंकर, सदस्य डॉ. एम.सी. जोशी एवं श्री पी.एस. जंगपांगी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। माननीय आयोग दो दिवसीय भ्रमण पर बागेश्वर पहुंचें है। इस अवसर पर जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने आयोग के सदस्यों का विकास भवन सभाकक्ष में औपचारिक स्वागत किया।

आयोग की टीम ने जनपद के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों के साथ परामर्श बैठक सम्पन्न की। बैठक में आयोग के अध्यक्ष ने राज्य वित्त आयोग की भूमिका एवं कार्यप्रणाली की जानकारी दी। अधिकारियों द्वारा बागेश्वर जनपद की स्थिति, उपलब्ध संसाधनों तथा अब तक हुए कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया।

बैठक का आयोजन क्रमवार रूप से किया गया, जिसमें सर्वप्रथम ग्रामीण निकायों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई, तत्पश्चात नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया गया और अंत में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बातें आयोग के समक्ष रखीं। समस्त जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े राजस्व, व्यय, कचरा प्रबंधन, कर संग्रह एवं पंचायत भवनों से संबंधित मुद्दों को सामने रखा। जिला पंचायत अध्यक्ष शोभा आर्या ने अवगत कराया कि जिला पंचायत का भवन अभी तक जिला पंचायत के नाम पर दर्ज नहीं है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने गृहकर (हाउस टैक्स) की विसंगतियों सहित अन्य समस्याओं पर चर्चा की। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी स्थानीय समस्याओं को सामने रखा, जिनमें कचरा निस्तारण, सीवरेज व स्ट्रीट लाइट व्यवस्था तथा अन्य नगरीय सुविधाओं से जुड़े मुद्दे प्रमुख रहे।

आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने प्रत्येक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी की बात को गंभीरता से सुना और उनके सुझावों व शिकायतों का विस्तार से उत्तर दिया। उपस्थित प्रतिभागियों की समस्याओं के निवारण की संभावनाओं पर खुलकर चर्चा की गई और आयोग ने भरोसा दिलाया कि इन मुद्दों पर समुचित कार्यवाही की दिशा में ठोस सुझाव राज्य सरकार को प्रेषित किए जाएंगे।
आयोग के अध्यक्ष श्री एन. रविशंकर ने कहा कि संसाधनों का सही और संतुलित उपयोग आवश्यक है। शहरी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित एवं दूरदर्शी नगरीय नियोजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि शासकीय विभाग यह मानकर चलें कि उन्हें स्थानीय निकायों के साथ मिलकर योजनाएँ बनानी हैं और उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखना है। किसी भी योजना का निर्माण परामर्श एवं सहभागिता के बाद ही किया जाना चाहिए।

आयोग ने स्पष्ट किया कि ग्राम क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र को आपसी समन्वय से कार्य करना होगा तथा न्यूनतम व्यय सीमा तय करना आवश्यक है। बैठक में राजस्व स्रोतों, व्यय प्रबंधन और स्थानीय निकायों की वित्तीय चुनौतियों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। सभी प्रतिभागियों के सुझावों और समस्याओं को गंभीरता से संज्ञान में लिया गया।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, जिलाध्यक्ष भाजपा प्रभा गढ़िया, जिला पंचायत उपाध्यक्ष विशाखा खेतवाल, अध्यक्ष नगर पंचायत गरुड़ भावना वर्मा, कपकोट गीता ऐठानी, ब्लॉक प्रमुख गरुड़ किशन बोरा, बागेश्वर दीपा देवी, पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल, संजय परिहार, घनश्याम जोशी, जिला पंचायतराज अधिकारी सुंदर लाल, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत अनिल जोशी समेत अनेक जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे।

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