बागेश्वर :विकास भवन सभागार में बाल अधिकारों एवं बाल सुरक्षा के संबंध में एक दिवसीय संवेदीकरण व जन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

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बागेश्वर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बाल अधिकारों एवं बाल सुरक्षा के संबंध में एक दिवसीय संवेदीकरण व जन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग सरकार का एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 17 के तहत 10 मई 2011 को किया गया था। उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को अधिनियमों और संविधान में प्रदत्त अधिकारों का अनुपालन सुनिश्चित करवाना और उनका प्रभावी क्रियान्वयन करना है।
डॉ. खन्ना ने जोर देते हुए कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों और हितधारकों को बाल अधिकार संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, समाज कल्याण, प्रोबेशन, चाइल्ड हेल्पलाइन, श्रम विभाग, जेजेबी, सीडब्ल्यूसी सहित सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने को किया। उन्होंने बच्चों के खिलाफ हिंसा, घरेलू हिंसा, बाल श्रम, दुर्व्यवहार, प्रताड़ना, शोषण, बाल विवाह और भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, शिक्षा के अधिकार के तहत सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करने और नशा मुक्ति कार्यक्रम चलाकर नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने तथा समय-समय पर बच्चों व उनके अभिभावकों की काउंसलिंग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी जानकारी के लिए आयोग अथवा उनके सदस्यों से कभी भी संपर्क किया जा सकता है और विद्यालयों में काउंसलिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।

आयोग अध्यक्ष ने बच्चों से सीधा संवाद करते हुए उनके विभिन्न सवालों के जवाब दिए। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि खेल हमें जीवन जीने की कई सीख देते हैं। उन्होंने बच्चों को अपनी बातों को दोस्तों के साथ साझा करने की सलाह दी, जिससे डिजिटल और मेंटल वॉर से बचा जा सके। उन्होंने बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति भी जागरूक रहने को कहा।
कार्यशाला में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बर्नवाल ने बाल अधिकारों, उनके संरक्षण की जानकारी, आयोग के उद्देश्य, बच्चों के अधिकार, संबंधित अधिनियम, आयोग की शक्तियां और कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला। मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया।

डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल के प्रशिक्षक मीता उपाध्याय, राजेश देवली और रागनी तिवारी सहित अन्य अधिकारियों ने मोटिवेशनल स्पीच के माध्यम से बच्चों को विभिन्न अधिकारों, दुर्व्यवहार और शोषण से बचने के उपाय, यौन उत्पीड़न, साइबर सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, मादक पदार्थ, मौलिक अधिकार और पोक्सो एक्ट आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यशाला में जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, पुलिस उपाधीक्षक अजय शाह, समाज कल्याण अधिकारी जसमीत कौर, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजुलता यादव, प्रोबेशन अधिकारी हेम तिवारी, हितधारक विभागों के अधिकारी, स्कूली बच्चे तथा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कैलाश सिंह बोरा व सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक सुरेंद्र कुमार द्वारा किया गया।

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