उत्तराखंड-20 साल से अधिक सेवा वाले बीमार शिक्षको की होगी छुट्टी ,शिक्षकों पर लटकी रिटायरमेंट की तलवार

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उत्तराखंड में गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए शिक्षा विभाग ने काम शुरू कर दिया। 20 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को रिटायर करने के मानक के शिक्षा विभाग शिक्षकों के लिए फार्मूला तैयार कर रहा है। 20 साल की सेवा के बाद के वर्षों को आधार बनाते हुए रिटायरमेंट के लिए पात्र शिक्षकों की सूची तैयार होगी।इस योजना में देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में बीमारी के आधार पर तैनात शिक्षकों की बारी पहले आ सकती है।गंभीर बीमारियों की वजह से शारारिक रूप से अक्षम हो शिक्षक-कर्मचारियों को रिटायर करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने जा रही है। शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर जिला स्तर पर चिह्निकरण शुरू कर दिया गया। सभी सीईओ, डीईओ, बीईओ और उपशिक्षा अधिकारियों से चार बिंदुओं पर रिपेार्ट मांगी गई है।जानकारी के मुताबिक हर शिक्षक-कर्मी का पिछले दस साल की सेवा के रिकार्ड, स्कूल से गैरहाजिरी, बीमारी की वजह से अक्षमता, विभागीय स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का ब्योरा तैयार किया जाएगा। मालूम हो कि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को गंभीर रूप से बीमार ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं, जिनकी विभाग में 20 साल की सेवा पूरी हो चुकी है।20 साल की सेवा की वजह से वित्तीय लाभ सुरक्षित रहते हैं। इन शिक्षकों के रिटायर होने से रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता भी खुलेगा।

शिक्षक बोले, पढ़ाने में सक्षम शिक्षक न दिया जाय रिटायर

बीमार शिक्षकों के रिटायरमेंट पर शिक्षक संगठनों की राय बिलकुल साफ है। जो शिक्षक बीमारी के बावजूद पढ़ाने में सक्षम हो, उसे रिटायरमेंट के दायरे में न लिया जाए। केवल उन्हीं को रिटायर करने पर विचार किया जाए जो वास्त्व में पढ़ाने में अक्षम हो गए हों।

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