बागेश्वर विधानसभा के रण में दिखा धाकड़ धामी का दम

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प्रचार के अंतिम चरण के आंखरी दो दिन में सीएम धामी ने विधानसभा में किया था ताबड़तोड़ प्रचार

मुख्यमंत्री धामी के प्रदेश में विकास मॉडल पर लगी जनता की मुहर

बागेश्वर: प्रदेश में पूर्व मंत्री स्व चंदन राम दास के निधन के बाद खाली हुई बागेश्वर विधानसभा चुनाव में 5 सितंबर को मतदान हुआ और आज 8 सितंबर को मतगड़ना के बाद आए नतीजों में बीजेपी की पार्वती दास ने शानदार जीत हासिल की इस विधानसभा में भाजपा को लगातार 5 वी बार जीत मिली है इस जीत में सूबे के मुख्यमंत्री का भी अहम रोल रहा है सीएम धामी ने आँखरी के दो दिनों में विधानसभा में ताबड़तोड़ प्रचार किया जिसमे गरुड़ और काफलीगैर में जनसभा और गरुड़ बागेश्वर में रोड शो के साथ साथ जनसंपर्क कर इस जीत में अहम भूमिका निभाई जिसके फलस्वरूप आज भाजपा को इस जीत के रूप में सफलता मिली।

बागेश्वर की जनता ने उप चुनाव में इस जनादेश के जरिये स्पष्ट संदेश भी दे दिया है कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व पर उन्हें पूर्ण भरोसा है और जिन विकासपरक नीतियों के साथ वे आगे बढ़ रहे हैं, उन्हें जनता हाथों हाथ ले रही है।
बीजेपी ने इस विधानसभा सीट पर उनकी पत्नी पार्वती दास को टिकट दिया था।बागेश्वर चुनाव को लेकर शुरू से ही प्रमुख विपक्ष के दल कांग्रेस की ओर से तमाम बड़े दावे जनता के बीच जाकर किये गए लेकिन जनता के दिलोदिमाग पर अपनी जगह बनाई भाजपा और धामी की नीतियों को कांग्रेस नहीं तोड़ पाई और इस चुनावी रण में पस्त हो गई बागेश्वर विधानसभा सीट पर आई इस जीत के राजनीति के पंडित कई मायने भी बता रहे हैं। इनका मानना है कि जिस तरह से चुनाव के अंतिम दो दिनों तक मुख्यमंत्री धामी ने गरुड़, बागेश्वर आदि स्थानों पर रोड शो किये और जनसभा की जिस तरह जनसभा में महिलाओं की भीड़ उमड़ी, उसने न केवल धामी की लोकप्रियता को दर्शाया अपितु चुनावी नतीजों पर भी मुहर लगा दी थी। आज मिली इस जीत ने धामी सरकार द्वारा राज्य में चलाये जा रहे विभिन्न विकासपरक योजनाओं और विकासवादी एजेंडे पर भी मुहर लगाई है। दूसरी ओर इस उप चुनाव ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की पटकथा भी अभी से लिखनी शुरू कर दी है।

भाजपा प्रत्याशी की इस जीत ने उन तमाम लोगों के मुँह में भी ताला जड़ने का काम किया है जो गाहे बगाहे नेतृत्व परिवर्तन और न जाने कैसे कैसे हवाई तीर चला रहे थे। बागेश्वर सीट पर मिली इस सफलता का संदेश आज दूर तक गया है। दूसरी ओर, इस जीत ने आला कमान को भी पूरी तरह से आश्वस्त कर दिया है कि 2024 के रण में भी धामी से बेहतर और कोई लीडर नहीं हो सकता।

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