बागेश्वर: उत्तराखण्ड के महान जनकवि गिरीश चंद्र तिवारी “गिरदा” की पुण्यतिथि प्रेस क्लब सभागार में श्रद्धांजली सभा के साथ भावपूर्ण रूप से मनाई गई

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उत्तराखण्ड के महान जनकवि गिरीश चंद्र तिवारी “गिरदा” की पुण्यतिथि प्रेस क्लब सभागार में श्रद्धांजली सभा के साथ भावपूर्ण रूप से मनाई गई और उनके व्यक्तित्व संस्मरणों और योगदान को याद किया गया। सर्वप्रथम उपस्थित जनों द्वारा संयुक्त रूप से स्वर्गीय गिरदा के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित और पुष्प अर्पित किया गया। क्लब के अध्यक्ष चन्दन सिंह परिहार ने स्वर्गीय गिरदा की जीवनी, व्यक्तित्व व विभिन्न संस्मरणों और उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। वरिष्ठ पत्रकार रमेश चंद्र पांडे कृषक ने उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन और अन्य कई महत्वपूर्ण सामाजिक आंदोलनों में स्वर्गीय गिरदा की अहम भूमिका और उनकी कविताओं, रचनाओं के साथ ही उनके जीवन के तमाम पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री कृषक द्वारा स्वर्गीय गिरदा के लोकप्रिय गीत “उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि” को राज्यगीत के रूप में स्वीकार करने की मांग राज्य सरकार से की। पर्यावरणविद वृक्षमित्र किशन सिंह मलड़ा ने भी स्वर्गीय गिरदा को समर्पित स्वरचित रचना प्रस्तुत की। इसके साथ ही प्रेस क्लब के सचिव जगदीश उपाध्याय, घनश्याम जोशी, लोकपाल सिंह कोरंगा, सुंदर सिंह सुरकाली, महीप पाण्डेय,हरीश सिंह नगरकोटी,अशोक लोहनी, रमेश प्रकाश पर्वतीय,बलवंत सिंह आदि ने भी स्वर्गीय गिरदा की जीवनी योगदान पर अपने.अपने विचार व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की। इस मौके पर वृक्षमित्र किशन सिंह मलड़ा द्वारा उपस्थित जनों को विभिन्न प्रजाति के औषधीय पौधे भेंट किए। श्रद्धांजली सभा के उपरांत प्रेस क्लब भवन के आगे परीसर में स्थित गिरदा वाटिका में स्वर्गीय गिरदा की स्मृति में विभिन्न प्रजाति के पौधों का संयुक्त रूप से रोपण किया गया।

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