उत्तराखंड: कुमाऊं में यहां तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाऊनी भाषा सम्मेलन सम्पन्न,सीलिंग महावृक्ष के संरक्षण पर जोर

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तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाऊनी भाषा सम्मेलन रजत जयंती वर्ष के शुभ अवसर पर रुद्रपुर डाइट में हर्षोउल्लास के साथ संपन्न हुआ अपनी भाषा संस्कृति संरक्षण के साथ ही प्रकृति संरक्षण पर विचार विमर्श उपरांत कुमाउनी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने एक विषय के रूप में सभी विद्यालयों में पढ़ाये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र श्री भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राज्य सरकार से एक प्रस्ताव भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल हेतु भारत सरकार को भेजने की बात कही वहीं किशन सिंह मलड़ा द्वारा भारत सरकार के सी मैप केंद्रों एवं वन विभाग से सीलिंग के पौध तैयार कर सीलिंग महावृक्ष के संरक्षण पर कार्य करने पर जोर देने को कहा बताया कि एक सौ से ज्यादा सीलिंग के पौधे देवकी लघु वाटिका द्वारा समय-समय पर हल्द्वानी उधम सिंह नगर क्षेत्र में रोपित हैं अब फल फूल रहे हैं साथ ही सीलिंग की चर्चा प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉक्टर बी एस कालाकोटी के साथ हुई जिन्हें 2 किलोग्राम फूल एवं 25 पौधे भेंट किए गए थे 2 किलोग्राम फूल से दो ग्राम अर्क प्राप्त हुआ जिसकी कीमत आठ लाख ₹800000 प्रति लीटर तय हुई इसलिए सीलिंग का संरक्षण बेहद जरूरी बताया जहाँ हरियाली के साथ ही जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने एवं पानी की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहयोगी यह निकट भविष्य में इसका संरक्षण उत्तराखंड को पूरे विश्व में एक नई पहचान देगा एक जोड़ा सिलिंग पौध डायट प्राचार्य डा के सानिंध्य में रोपित किया कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी डॉ बी एस बिष्ट कस्तुब चंदोला रमेश प्रकाश पर्वतीय डॉ हयात सिंह रावत महेंद्र सिंह नारायण सिंह पिलख्वाल कृपाल शीला उदय किरौला भरत लाल शाह राजेंद्र सिंह मलड़ा शैलेंद्र सिंह चौहान, हेम पंत हरीश चंद्र सिंह राणाआदि का सहयोग रहा।


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