बागेश्वर:गांधी-शास्त्री जयंती पर कलेक्ट्रेट में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित,अधिकारियों से शून्य लंबित (Zero Pendency) की भावना से कार्य करने का आह्वान


बागेश्वर महात्मा गांधी की 156वीं जयंती एवं भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती जनपद में हर्षोल्लास के साथ मनायी गई। जिले के राजकीय भवनों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कलेक्ट्रेट में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी नारायण सिंह नबियाल ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों का अनावरण कर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। अपर जिलाधिकारी ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस और स्वच्छता की शपथ दिलाई।

कार्यक्रम में गांधी जी का प्रिय भजन रामधुन भी प्रस्तुत किया गया।
अपने सम्बोधन में अपर जिलाधिकारी ने दोनों महापुरुषों के जीवन और संघर्ष को प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि “गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में बिताए 21 वर्षों से लेकर स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाई। सत्य, अहिंसा, सहानुभूति और समानुभूति का भाव उन्होंने पूरे विश्व को दिखाया। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने भारत को न केवल स्वतंत्रता का मार्ग दिखाया बल्कि खेती-किसानी और आत्मनिर्भरता की दिशा भी बताई। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के “जय जवान, जय किसान” के नारे को आज भी प्रासंगिक बताया और अधिकारियों से अपील की कि वे शून्य लंबित (Zero Pendency) की भावना के साथ काम करें, जिससे जनता को समय पर लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में अतिरिक्त वक्ताओं कोषाधिकारी आकाश रघुवंशी एवं शिखा सुयाल ने भी गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन व आदर्शों पर प्रकाश डाला। संचालन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भार्गव सिंह भौर्याल ने किया।
इस अवसर पर जिला आबकारी अधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।


