बागेश्वर: आजिविका बढ़ाने में ट्राउट मछली एक नया आयाम साबित हो रहा है
बागेश्वर
जनपद के ग्राम जगथाना में दिलीप सिह दानू द्वारा मत्स्य विभाग के तकनीकी सहयोग की मदद से ट्राउट मत्स्य पालन व्यक्तिगत रूप से शुरु किया गया था। उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के कारण ट्राउट मछली का उत्पादन लगभग 5 कुन्तल एवं 2.5 लाख की आय प्राप्त हुई थी। इस कार्य की सफलता को देखते हुए जगथाना गाँव को ट्राउट विलेज के रूप में विकसित करने एवं किसानों की आर्थिकी मजबूत करने हेतु मत्स्य पालन विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा तकनीकी एवं आर्थिक रुप से अनटाइड फंड से बजट उपलब्ध करवाया गया। जिसके तहत 6 नई मत्स्य समितियों का गठन किया गया, जिनसे लगभग 66 मत्स्य किसान जुडे हुए है। समितियों द्वारा 60 यूनिट मत्स्य ट्राउट रेसवेज का निर्माण किया गया था। जिनके द्वारा लगभग 120 कुन्तल प्रतिवर्ष ट्राउट मछली उत्पादन एवं 1.00 लाख रुपये प्रति कृषक आय प्राप्त की जा रही है। मत्स्य विभाग द्वारा समितियों को ट्राउट मत्स्य बीज एवं आहार अनुदान धनराशि पर उपलब्ध करवाया गया था एवं समय समय पर तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया गया था। ट्राउट मछली के विपणन हेतु बाजार उपलब्ध कराने हेतु मत्स्य विभाग व जिला प्रशासन के सहयोग से एक मत्स्य आउटलेट, फिश वैन एवं जनपद से बाहर आपूर्ति हेतु रेफ्रिजरेटेड वैन की व्यवस्था की गई है। जिससे ट्राउट मछली के विपणन हेतु बाजार उपलब्ध हो सके। ग्राम जगथाना की समितियों द्वारा किये गये कार्यो को देखते हुये जनपद के अन्य किसान भी प्रेरणा ले रहे है और ट्राउट मछली के रोजगार को अपना रहे है। दिलीप दानू, हीरा सिह,नरेन्द्र सिह एवं अन्य समिति के सदस्यों के मेहनत के द्वारा आज जगथाना ग्राम से ट्राउट मछलियां दिल्ली एवं देहरादून के बाजारों में भेजी जा रही है। जिससे किसानों की आजिविका बढ़ाने में मत्स्य पालन एक नया आयाम साबित हो रहा है।