उत्तराखंड –कार्रवाई के आदेश प्रधानाचार्य का प्रभार छोड़ने वाले शिक्षकों पर

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देहरादून- शिक्षकों के हेडमास्टर और प्रधानाचार्य का प्रभार छोड़ने पर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है। डीजी के आदेश के बाद शनिवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने सभी सीईओ को प्रभार छोड़ने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। शिक्षकों को ताकीद की गई है कि स्कूल प्रशासन और प्रबंधन का कार्य भी शिक्षण का ही अंग है और हर सरकारी कर्मचारी के लिए आदेशों का पालन करना अनिवार्य है।मालूम हो कि राज्य के अधिकांश शिक्षकों ने हाईस्कूल और इंटर कालेजों में प्रभारी प्रधानाचार्य का दायित्व छोड़ दिया है। इससे स्कूलों की व्यवस्थाएं पटरी से उतर रही हैं। जौनसारी ने कहा कि शिक्षक के प्रभार छोड़ने से शिक्षण प्रभावित होगा। फरवरी-मार्च 2024 में बोर्ड परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई और बोर्ड परीक्षा भी प्रभावित होगी। यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। जौनसारी ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत प्रत्येक कार्मिक के लिए लोक सेवक को अपने शासकीय कार्य दायित्वों का निर्वहन करना बाध्यकारी है। यदि कोई शिक्षक कार्मिक अधिकारी सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन करने से मना करता है या इसमें बाधक बनता है, तो यह कर्मचारी आचरण नियमावली का सीधा सीधा उल्लंघन होगा।

32 प्रवक्ताओं के पारस्परिक तबादले

देहरादून। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की पारस्परिक तबादलों की मांग भी पूरी हो गई। शिक्षा विभाग ने एलटी शिक्षकों के बाद प्रवक्ता कैडर के शिक्षकों के भी पारस्परिक तबादले कर दिए। शनिवार को एडी माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने इसके आदेश किए। कुछ समय पहले एडी ने दोनों मंडलीय अपर निदेशकों से प्रवक्ता कैडर में पारस्परिक तबादलों के इच्छुक शिक्षकों के प्रकरण मांगे थे। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अपर निदेशकों ने 32 शिक्षकों के पारस्परिक तबादलों की संस्तुति की थी। इन शिक्षकों को परस्पर सुगम से दुर्गम और दुर्गम से सुगम भेजा गया है।

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