उत्तराखंड: कार से राैद कर मौत के घाट उतारने वाले BDO को किया गया निलंबित
उत्तराखंड- बौराड़ी सड़क हादसे में पुलिस ने खंड विकास अधिकारी डीपी चमोली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। डीपी चमोली सोमवार शाम को नशे की हालत में कार चला रहे थे, तभी उन्होंने पांच लोगों को रौंद दिया था. इस हादसे में दो मासूम बहनों समेत एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस कार दुर्घटना का वीडियो भी सामने आया था। पुलिस ने बताया कि खंड विकास अधिकारी (BDO) डीपी चमोली के खिलाफ धारा 304, 279 और 337 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. घटना के बाद ही पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया था, जिसे आज 25 जून को कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने डीपी चमोली को 14 दिन ही न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।उत्तराखंड के नई टिहरी जिला मुख्यालय के बौराड़ी में नगर पालिका के समीप बीते रोज़ खंड विकास अधिकारी की कार- uk09-9970 तेज स्पीड व नशे में चला कर 5 लोगों को रौंद दिया था। जिनमें 3 लोगों रीना देवी पत्नी रविन्द्र सिंह,अग्रिमा 10 वर्ष अविनता 7 वर्ष ,की मौके पर ही मौत हो गईथी,जबकि 2 लोग घायल हो गए थे।आसपास के लोगों ने 5 लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया, घायल 2 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि 3 लोगों की मौत हो गयी थी। इस बेहद दुखद और भयावह हादसे में गैर जिम्मेदाराना तरीके से एक सरकारी अधिकारी के वाहन से हुए इस हादसे के मामले में शासन ने बड़ी कार्यवाही की है खंड विकास अधिकारी डीपी चमोली को निलंबित कर दिया गया है जिसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आदेश⤵️
मुख्य विकास अधिकारी, टिहरी गढ़वाल के पत्र संख्या 1/2351/2024 दिनांक 25 जून, 2024 के द्वारा अवगत कराये गये तथ्यों के अनुसार श्री देवी प्रसाद चमोली, सहायक खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड जाखणीधार, जनपद टिहरी द्वारा दिनांक 24.06.2024 को सांय 7.30 बजे स्थान बौराड़ी नई टिहरी द्वारा अपने निजी वाहन से दुर्घटना घटित हुई जिसमें तीन व्यक्तियों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी, के क्रम में श्री देवी प्रसाद चमोली को उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 के बिन्दु संख्या -4 (2) में उल्लिखित प्राविधान (नैतिक अधमता एवं आपराधिक आरोप) के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।निलम्बन की अवधि में श्री देवी प्रसाद चमोली, सहायक खण्ड विकास अधिकारी को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय हैं, भी अनुमन्य होगा।
किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।
3- उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि देवी प्रसाद चमोली इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं