उत्तराखंड:(बिग न्यूज)उच्च न्यायालय ने ख़ारिज की UKSSSC परीक्षा धांधली की जांच CBI से कराने की मांग
नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने UKSSSC की परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस के विधायक भुवन कापड़ी की इस मामले को सीबीआई से जांच कराए जाने के मामले पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने निर्णय देते हुए याचिका को निरस्त कर दिया है। इस मामले में कोर्ट ने 12 अक्टूबर को सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापड़ी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधन प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने यूके एससीसी के पूर्व चैयरमैन को गिरफ्तार किया। अभी भी सरकार बड़े लोगो को बचा रही है। ऐसे ही नकल करने से सम्बंधित मामले में 2020 में मंगलोर व पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी कोई कार्यवाही नही हुई। भुवन कापडी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधान सभा मे इस मामले की जाँच सीबीआई से कराने की मांग की थी परन्तु सरकार ने इसकी जाँच एसटीएफ को दे दी।वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा गया था कि इस मामले में 80 % जाँच पूरी हो चुकी है। अभी 41 लोगो को गिरफ्तार कर लिया है और 28 से 30 लोगो के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। एसटीएफ की जाँच में संदेह नही है। इसलिए इस मामले को खारिज किया जाय। मामले के अनुसार कांग्रेस के विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि यूके एसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नही कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है छोटे छोटे लोगो की हुई है। जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नही हुई है। इसमे यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी व नेता सामील है। सरकार उनको बचा रही है। इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए। 2021 में यह परीक्षा हुई थी। 22 जुलाई 2022 को अनु. सचिव राजन नैथानी द्वारा रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सअप मेसेज से अभ्यर्थियों को प्रशन हल कराए गए। एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जाँच की शुरुआत की। जो सही पाई गई और जिसमे कई लोगो की गिरफ्तारियाँ हुई है।