उत्तराखंड: कुमाऊं में यहां जल संस्थान द्वारा करायी जा रही बोरिंग से ग्रामीणों में आक्रोश ,बोरिंग कार्य बंद कराया, कहा इससे गांवों में पेयजल संकट बढ़ेगा

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रानीखेत: हरडा़ स्रोत के निकट जल संस्थान द्वारा करायी जा रही बोरिंग से ग्रामीणों में आक्रोश

ताड़ीखेत विकासखण्ड अंतर्गत हरडा़ स्रोत के निकट उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा चिलियानौला क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति हेतु कराई जा‌ रही बोरिंग के काम को आज आस-पास के ग्रामीणों ने बंद‌ करा दिया। आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप है कि इस भूमि जल वेधन से ग्रामीणों के परम्परागत जल स्रोत पर असर‌ पड़ेगा और‌ गांवों में पेयजल संकट गहरा जाएगा।बता दें कि चिलियानौला क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति हेतु हरडा़ के निकट उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा भूमि जल वेधन का कार्य कराया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि संस्थान के ठेकेदार द्वारा करीब चार सौ फीट भूमि वेधित की जा चुकी है।उनका कहना है कि इसी के निचले हिस्से में ग्रामीणों का परम्परागत जल स्रोत है जिसपर इसका सीधा असर पड़ेगा और सिंगोली, बग्वाली,गंगोड़ा, तडी़,ज्यूली ,छानाबग्वाली आदि गांवों में पेयजल संकट गहरा जाएगा इसलिए इस कार्य को तुरंत बंद‌ किया जाना जरूरी है।महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष गीता पवार के नेतृत्व में आज आक्रोशित ग्रामीण भू जल वेधन स्थल पर पहुंचे और कार्य बंद करा दिया। गीता पवार का कहना था कि इस बोरिंग का सीधा असर सौ मीटर की दूरी पर स्थित हमारे जल स्रोत पर पड़ना तय है जबकि हम वन विभाग को जल स्रोत का लीज पे करते हैं। उन्होंने कहा कि बोरिंग कार्य का ग्रामीण हर हाल में विरोध करेंगे और सोमवार को संयुक्त मजिस्ट्रेट और जल संस्थान के अधिशासी अभियंता से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे।

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