उत्तराखंड: यहाँ उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
देहरादून: दून अस्पताल में सोमवार को मरीजों की भारी भीड़ ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। सुबह से ही ओपीडी और इमरजेंसी दोनों विभागों में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। अस्पताल में बिलिंग काउंटर की जिम्मेदारी संभाल रहीं रचना भंडारी ने बताया कि सोमवार को कुल 1776 मरीजों के ओपीडी कार्ड बने, जो औसत संख्या के बराबर है, लेकिन कार्ड और बिलिंग की प्रक्रिया धीमी होने से भीड़ ज्यादा नजर आई।अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. आर.एस. बिष्ट ने बताया कि छुट्टी के बाद पहले दिन आमतौर पर मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव के कारण जुकाम-बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है।
हालांकि भीड़ का एक बड़ा कारण अस्पताल में चल रही उपनल कर्मचारियों की हड़ताल भी रही। करीब 300 से 400 उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं…जिनमें नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मचारी और अन्य तकनीकी कर्मी शामिल हैं। पिछले 15 सालों से उपनल के माध्यम से कार्यरत मीना रौंतेला ने बताया कि यदि इतने कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर चले जाएं तो अस्पताल की व्यवस्था पर असर पड़ना स्वाभाविक है।महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सरस्वती कांडपाल ने भी माना कि दून अस्पताल काफी हद तक ऑप्शनल (उपनल) कर्मचारियों पर निर्भर है और उनके हड़ताल पर होने से विभागीय कामकाज ठप हो गया है। वहीं सफाई कर्मचारी हरिओम ने बताया कि 110 सफाई कर्मचारी उपनल के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं जो हड़ताल पर हैं…जिससे अस्पताल की स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है।उत्तराखंड उपनल महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप चौहान ने कहा कि प्रदेश की अधिकतर सरकारी व्यवस्थाएं उपनल कर्मचारियों के दम पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि सरकार राज्य की रजत जयंती मना रही है…जबकि उपनल कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं।

