उत्तराखंड: यहां बोरिंग रूकवाने के‌ लिए कुमाऊं कमिश्नर से मिले ग्रामीण, कुमाऊं कमिश्नर ने हरड़ा में हो रही बोरिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा

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रानीखेत: ताड़ीखेत विकासखण्ड अंतर्गत हरडा़ स्रोत के निकट उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा चिलियानौला क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति हेतु कराई जा‌ रही बोरिंग के काम पर‌ आज कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने रोक‌ लगाने के आदेश दिए हैं। रानीखेत तहसील मुख्यालय के निरीक्षण पर आए कुमाऊं कमिश्नर से यहां ग्रामीणों ने मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और कहा कि इस भूमि जल वेधन से ग्रामीणों के परम्परागत जल स्रोत पर असर‌ पड़ेगा और‌ गांवों में पेयजल संकट गहरा जाएगा।यहां कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के पहुंचने पर सिंगोली, बग्वाली, गंगोड़ा, सहित अन्य गांवों से आए ग्रामीणों के शिष्टमंडल ने उन्हें ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया कि चिलियानौला क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति हेतु हरडा़ के निकट उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा भूमि जल वेधन का कार्य कराया जा रहा है। संस्थान के ठेकेदार द्वारा करीब चार सौ फीट भूमि वेधित की जा चुकी है। कहा गया कि इसी के निचले हिस्से में ग्रामीणों का परम्परागत जल स्रोत है जिसपर इसका सीधा असर पड़ेगा और सिंगोली, बग्वाली,गंगोड़ा, तडी़,ज्यूली ,छानाबग्वाली आदि गांवों में पेयजल संकट गहरा जाएगा इसलिए इस कार्य को तुरंत बंद‌ किया जाना जरूरी है। ग्रामीणों ने कहा कि हमें भूजल नहीं अपितु नल -जल योजना के तहत नदी के जल की आपूर्ति चाहिए। भू -जल के लिए की जा रही‌ बोरिंग से‌ सीधा असर सौ मीटर की दूरी पर स्थित हमारे जल स्रोत पर पड़ना तय है जबकि हम वन विभाग को जल स्रोत का लीज पे करते हैं।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मौजूद संयुक्त मजिस्ट्रेट से पूछा कि क्या ये बोरिंग प्रशासनिक अनुमति लेकर‌ की जा रही है? संयुक्त मजिस्ट्रेट द्वारा बोरिंग के बारे जानकारी न होने की बात पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने उन्हें बोरिंग कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा।
शिष्टमंडल में क्षेत्र प्रमुख हीरा रावत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष गीता पवार,जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि हेमंत रौतेला, ज्येष्ठ प्रमुख मोहन सिंह नेगी, ललित रौतेला, महेन्द्र डोगरा, सुरेंद्र सिंह पवार, अरविंद परमार, घनश्याम सिंह पवार, ग्राम प्रधान गंगोड़ा, सिंगोली, बग्वाली सहित क्षेत्रीय ग्रामीण मौजूद रहे।