उत्तराखंड : यहां डीजीपी के सवाल पर बगले झांकने लगे थानाध्यक्ष, तत्काल लाइन हाजिर

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डीजीपी के सवाल पर बगले झांकने लगे थानाध्यक्ष, तत्काल लाइन हाजिर

हल्द्वानी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ ने ई-साक्ष्य एप से विवेचना का ऑनलाइन काम पूरा न करने के बारे में पूछा तो चोरगलिया थानाध्यक्ष राजेश जोशी बगलें झांकने लगे। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए डीजीपी ने थानाध्यक्ष को दो टूक कह दिया… आज ही लाइन में अपनी आमद करा लें। उनके आदेश पर थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
30 अगस्त को डीजीपी दीपम सेठ ने प्रदेश के सभी थानाध्यक्षों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में विवेचनाओं में आ रही दिक्कतों के बारे में पूछा गया। चोरगलिया थाने में दर्ज एक मामले का संज्ञान लेते हुए डीजीपी ने पूछा कि ई-साक्ष्य एप से विवेचना ऑनलाइन क्यों नहीं हुई। उनके सवाल का उसकी विवेचना एडिशनल एसआई विजय राणा कर रहे थे लेकिन राजेश बतौर थानाध्यक्ष भी इस मामले से अनजान बने रहे। नतीजा यह हुआ कि उनके ऊपर ही कार्रवाई हो गई। डीजीपी ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि थाने में आने वाली और दर्ज होने वाली हर शिकायत के बारे में थानाध्यक्ष के पास पूरी जानकारी होनी चाहिए।

सीओ से पूछा… तुम क्या कर रहे हो

डीजीपी ने इसी विवेचना के मामले में पूछा कि थाना किस सीओ सर्किल में आता है? बताया गया कि लालकुआं। डीजीपी ने लालकुआं सीओ दीपशिखा अग्रवाल से भी पूछ लिया कि तुम क्या कर रहे हो? अपने सर्किल में होने वाले मामलों का गंभीरता से पालन कराएं।

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