उत्तराखंड: (दुःखद)यहां दीपावली की खुशियां शोक में तब्दील,इस गांव में बैल के हमले में पिता की मौत पुत्र घायल,

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रानीखेत: तहसील अंतर्गत खोल्टा गांव में दीपावली की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई जब बैल के हमले में पिता की मौत हो गई और पुत्र घायल हो गया।

रानीखेत तहसील मुख्यालय के खोल्टा गांव में बैल ने ग्रामीण पर हमला बोल दिया।गंभीर रूप से घायल होने के कारण हल्द्वानी ले जाते समय उसकी मौत हो गई। पिता को बचाने के प्रयास में आक्रामक बैल ने उसके पुत्र को घायल कर दिया, साथ में मौजूद दो बच्चों ने भाग कर जान बचाई।बताया जा रहा है कि कुंवाली क्षेत्र के कुलसीबी ग्रामसभा के खोल्टा गां निवासी दिगंबरदत्त तिवारी (78) रविवार शाम अपने दो पोतों को लेकर अपनी दुकान की ओर जा रहे थे। इसी दौरान आवारा बैल ने हमला कर दिया। बैल के आक्रामक रुख को देख लोगों ने हो हल्ला किया।दिगंबरदत्त का पुत्र हेम चंद्र तिवारी अपने पिता को बचाने दौढ़ा मगर हमले में वह भी घायल हो गया और उसका पांव फ्रैक्चर हो गया। दादा पर बैल के हमले से घबराए दोनों पोतों ने जैसे तैस भागकर जान बचाई। बमुश्किल बैल के चंगुल से छुढ़ाने के बाद गांव के ग्रामीणों ने उनके पुत्र को अस्पताल पहुंचाया।दिगंबर की हालत नाजुक देख रेफर कर दिया गया जहाँ हल्द्वानी ले जाते समय रास्ते में दिगंबर दत्त ने दम तोड़ दिया जबकि पुत्र का पैर फैक्चर हो गया है।आरोप है कि गांव के ही व्यक्ति ने तीन वर्ष पूर्व बैल को बेसहारा कर गोशाला से निकाल दिया था जो अब हमलावर हो गया है।
ग्रामीणों ने आवारा बैल को पिछले कई दिनों से पकड़ने के लिए पशुपालन विभाग से गुहार लगा रहे हैं लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है नतीजा है कि बैल लगातार लोगों पर हमला कर रहा है और यही रहा कि एक की जान चली गई।दीपावली की खुशियां मातम में बदल गई। मृतक के स्वजनों के अनुसार वर्षों तक खेत जोतने के लिए बैल का इस्तेमाल कर उसे बेसहारा छोडऩा ही मौत की वजह बन गई

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