उत्तराखंड:विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब जी के कपाट 25 मई से श्रद्धालुओं के लिए विधिवत अरदास के साथ खुले

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विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब जी के कपाट 25 मई से श्रद्धालुओं के लिए विधिवत अरदास के साथ खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही आज इस शुभ अवसर पर लगभग 2000 संगतों की उपस्थिति में श्री हेमकुंट साहिब जी की पावन यात्रा का भव्य रूप से शुभारंभ हो गया है। 22 मई को उत्तराखण्ड के माननीय राज्यपाल ने धार्मिक अनुयायियों के साथ मिलकर जत्थे को रवाना किया था। जो 23 मई को गुरुद्वारा गोविदघाट में ठहरकर 24 मई को पैदल चलते हुए गोविंदधाम (घांघरिया) पहुंचा था। आज इस विशेष अवसर पर पंज प्यारों की अगुवाई में जत्थे ने ‘‘जो बोले सो निहाल’’ के जयकारों व बैंड बाजों की धुनों के साथ कीर्तन करते हुए यात्रा के अंतिम पड़ाव श्री हेमकुंट साहिब पहुंचकर गुरु महाराज के श्री चरणों में अपनी हाजिरी भरी। गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार गुरनाम सिंह व मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह द्वारा संगतों के साथ मिलकर प्रातः 9ः30 बजे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सुखासन स्थल से दरबार साहिब में लाया गया तथा पावन प्रकाश करते हुए अरदास की और गुरु महाराज का पहला हुकमनामा जारी किया गया। भारतीय सेना के 418 इंडीपेंडेंट कोर के कर्नल विरेन्द्र ओला जी एवं ब्रिगेडियर एम. एस. ढिल्लो जी भी हेमकुंट साहिब में उपस्थित रहे। यात्रा हेतु उनका व साथियों का विशेष योगदान रहा। प्रशासन के साथ गुरुघर सेवादारों ने भी यात्रा की आरंभता के लिए बहुत सहयोग किया। गुरुद्वारा ट्रस्ट द्वारा अपील है कि श्रद्धालु निःसंकोच यात्रा पर आएं और गुरू महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा जो श्रद्धालु यात्रा पर आने में असमर्थ हैं वे हेमकुंट साहिब जी से सीधा प्रसारण पी.टी.सी. सिमरन पर प्रतिदिन प्रातः10 बजे से दोपहर 1 बजे तक देख सकते हैं। साथ ही ट्रस्ट आशा करता है कि आने वाले सभी श्रद्धालु पवित्र भावना व आपसी सौहार्द के साथ प्रशासन एवं गुरूघर सेवादारों को सहयोग करते हुए यात्रा को निर्विघ्न सफल बनाएंगे।