उत्तराखंड:कमस्यार महोत्सव समिति ने घाटी में एक भावनात्मक परंपरा की शुरुआत की

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बागेश्वर:कमस्यार घाटी : कमस्यार महोत्सव समिति ने घाटी में एक भावनात्मक परंपरा की शुरुआत की है जिसमें जब तक कमस्यार घाटी की रौनक नहीं लौटा देते तब तक घाटी के समस्त बंद पड़े घरों की देहली को हम सुनसान नहीं रहने देंगे , घरों की देहली पर कमस्यार महोत्सव समिति के सुधी सदस्य, गृह स्वामी के प्रतिनिधि के तौर पर हर वर्ष दीपावली में दिया जलाएंगे और गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर आपकी देहली पर गंगा दशहरा द्वारा पत्र लगाएंगे और फूलदेई त्यौहार पर आप लोगों के घरों के दरवाजे पर पुष्प वर्षा कर पुरखों के आशीर्वाद से सराबोर उस आंगन को जीवंत रखने का प्रयास करेंगे , जहां से आपकी बहुमूल्य यादें , आपके संस्कार , आपका साहस ,आपका स्वाभिमान , आपकी संस्कृति जन्मजन्मांतर के लिए जुड़ी हुई है ।इस पुनीत कार्य में मेरा सहयोग दे रहे कमस्यार घाटी के समस्त युवा साथियों का जो हर वर्ष हमारे इन सभी क्रियाकलापों में पूरे मनोयोग से हमको अपना साथ ,समय और श्रम देते हैं , त्यौहार के वक्त हमारे इस भावनात्मक कार्य में कार्य समाप्ति तक सक्रिय रहते हैं उनका आभार और अभिनंदन व्यक्त करता हूं । साथ ही कमस्यार घाटी के समस्त मेरे पिता तुल्य बुजुर्गों का और हम समस्त युवाओं को आशीष देते उन आमा बूबूओ की स्वस्थ काया के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना करता हूं ।
कमस्यार घाटी के देश दुनिया में रह रहे प्रवासी प्रियजनों से एक अपील भी करना चाहता हूं कमस्यार घाटी के इन सामाजिक रूप से सक्रिय युवाओं की सिर्फ हौसला अफजाई अपना आशीर्वाद देकर कर दीजिए शेष घाटी की दशा और दिशा बदलने की कसम इन युवाओं ने खाई है ।एक बार पुनः हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम अपनी कमस्यार घाटी में एकता, शांति और समृद्धि को बढ़ावा देंगे। भगवान श्री राम और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद आप पर बना रहे, और आपका जीवन सुख, समृद्धि और खुशियों से हमेशा जगमगाता रहे।

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