उत्तराखंड: सूबे में सर्दी की एंट्री, बर्फ से ढके पहाड़

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड में सर्दी की जोरदार एंट्री, बर्फ से ढके पहाड़,30 साल बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में इतनी जल्दी बर्फबारी।

उत्तराखंड- उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम ने अचानक करवट ली है। सीजन की पहली बर्फबारी ने केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब और नीति घाटी जैसे क्षेत्रों को बर्फ से ढक दिया है। 30 साल बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में इतनी जल्दी बर्फबारी दर्ज की गई है। वहीं, देहरादून समेत मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश और तापमान में गिरावट के चलते ठंड ने दस्तक दे दी है।

देहरादून में मंगलवार को 2.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई और अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री नीचे रहा। वहीं, केदारनाथ में तापमान 5 डिग्री तक गिर चुका है।
बर्फबारी से श्रद्धालु और पर्यटक खुश हैं, लेकिन किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि खेतों से अनाज निकालना मुश्किल हो गया है।

ला नीना का असर, लंबी और कड़ाके की सर्दी की चेतावनी⤵️

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बार ला नीना प्रभाव के कारण लंबी और कठोर सर्दी पड़ने की संभावना है। मार्च 2026 तक बसंत के टलने और फसलों व जनजीवन पर असर पड़ने की चेतावनी दी गई है।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़, कपाट बंदी की तैयारी⤵️

केदारनाथ में हर दिन 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अब तक 16.45 लाख भक्त बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं।

✅-22 अक्टूबर: गंगोत्री के कपाट बंद.
✅-23 अक्टूबर (भैयादूज): केदारनाथ व यमुनोत्री के कपाट बंद.
✅-25 नवंबर: बदरीनाथ के कपाट होंगे बंद.

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की है। उधर, पहाड़ों में लोग गर्म कपड़े निकाल चुके हैं और मैदानी इलाकों में गुलाबी ठंड शुरू हो चुकी है।

क्या कहता है पूर्वानुमान⤵️

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आज बारिश होने की संभावना है, जबकि मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रहेगा। देहरादून में मंगलवार को भी बारिश ने तापमान में गिरावट ला दी है। देहरादून में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री गिरावट के साथ 26.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहा। देहरादून में मंगलवार को तड़के से ही बारिश शुरू हो गई थी। इस बारिश का असर पूरे दिन दिखाई दिया। देहरादून में दिन के समय मौसम साफ हो गया और धूप भी निकल आई। वहीं शाम के समय फिर मौसम बदला और गरज चमक के साथ शहर के कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई।
देहरादून में मंगलवार को 2.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में आज भी बारिश हो सकती है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहेगा। उधर सीजन की पहली बर्फबारी होने से ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ गई है।
30 साल में पहली बार ऐसी बर्फबारी⤵️

सीमांत क्षेत्र के गांव बर्फ से ढक गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 30 सालों के बाद ऐसा हुआ है कि अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में ही बर्फबारी हुई है। नीति घाटी के गमशाली, द्रोणागिरी और मल्हारी सहित घाटी के अन्य गांव में जमकर बर्फ पड़ी है, जिसके कारण लोग खेतों से अनाज नहीं निकाल पाए हैं।

हेमकुंड साहिब में दो फीट तक बर्फ⤵️

इस बराबरी में भले ही गर्मी से राहत दी हो लेकिन फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। उधर हेमकुंड साहिब में दो फीट तक बर्फ जम गई है, जबकि बद्रीनाथ धाम के पीछे की पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। केदारनाथ धाम में भी अच्छी बर्फबारी हुई है और धाम के साथ-साथ आस-पास की पहाड़ियां बर्फ से लकदक नजर आ रही हैं।
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में असामान्य रूप से लंबी और कठोर सर्दियों की तैयारी चल रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस बार ला नीना इफेक्‍ट के कारण भारी बर्फबारी और लंबे समय तक ठंड पड़ेगी, जिससे बसंत का आगमन मार्च 2026 तक टल जाएगा। इस बीच, विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है। धाम के आसपास की पहाड़ियां भी बर्फ से लकदक नजर आ रही हैं। बदरीनाथ धाम के साथ ही हेमकुंड साहब में भी मंगलवार को सीजन की पहली बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ एएस नैन के अनुसार, ला नीना का प्रभाव दिसंबर से राज्य में दिखने लगेगा। उन्होंने तापमान में लगातार गिरावट की उम्मीद जताई है, जिससे पहाड़ों में भयंकर ठंड पड़ेगी। गर्मी के आगमन में असामान्य देरी बसंत के शुरुआती चरणों को भी प्रभावित कर सकती है। गिरने वाली बर्फ अधिक समय तक जमी रहेगी, जिससे सर्दियों का मौसम सामान्य से लंबा हो जाएगा। निचले इलाकों और मैदानों में भी इसके प्रभाव महसूस किए जाएंगे। इस दौरान, कोहरे और ठंड के दौर सामान्य से अधिक दिनों तक बने रहने की संभावना है।

क्‍या होता है ला नीना इफेक्‍ट?⤵️
मार्च और अप्रैल में भी ठंड पड़ने की आशंका है, जिससे फसलों, फूलों, पर्यटन और दैनिक जीवन पर असर पड़ेगा। यह आने वाले महीनों में मानसून के पैटर्न को भी बिगाड़ सकता है। ला-नीना इफेक्‍ट तब होता है जब प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से लगभग 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। यह बदलाव वायु परिसंचरण पैटर्न को बदल देता है, जिससे उत्तरी भारत में बारिश और ठंड के दौर बढ़ जाते हैं। यदि ला-नीना मजबूत होता है तो यह आने वाले महीनों में मानसून के पैटर्न को भी बिगाड़ सकता है।

48 घंटे तक इसी तरह बना रहेगा मौसम⤵️
दूसरी ओर, बर्फबारी के साथ ही ऊंचाई वाले ठंड बढ़ गई है। केदारनाथ में 5 डिग्री तक तापमान गिर गया है। बर्फबारी के बाद यहां देश-विदेश से आए तीर्थयात्री बर्फबारी को खूब लुत्फ उठा रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे तक मौसम इसी तरह बने रहने का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी सावधानी बरतने की हिदायत दी है।

लोगों ने निकाल लिए गर्म ऊनी कपड़े⤵️

केदारनाथ धाम में मंगलवार से बर्फबारी के बाद धाम में ठंड में भारी इजाफा हो गया है। मानसून की विदाई के बाद कुछ दिनों की भीषण गर्मी के बाद अब ठंड ने दस्तक दे दी है। मैदानी क्षेत्रों में गुलाबी ठंड पड़ने लगी है जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठिठुरन भरी ठंड होने लगी है।लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। अक्टूबर के महीने में ही केदारनाथ मंदिर में बर्फबारी होने से इस बार ठंड ज्यादा पड़ने की उम्मीद है।

श्रद्धालु उठा रहे बर्फबारी का लुत्‍फ⤵️

केदारनाथ धाम में प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गयी है। बर्फबारी के बीच बाबा के भक्त भक्त दर्शनों के लिए लाइन में खड़े नजर आए। तो वहीं कई श्रद्धालु बर्फबारी का आनंद भी लेते रहे। बर्फबारी से बाबा केदार का धाम बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है।

सोमवार से पड़ रही बर्फ⤵️

मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड के कई जिलों में 6 और 7 अक्टूबर को बारिश के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान जारी किया था। सोमवार दोपहर डेढ़ बजे से केदारघाटी में सीजन की पहली बर्फबारी होने पर यात्रियों ने बर्फबारी का लुत्फ उठाया। मंगवालार को भी धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने यात्रियों से अपील की है कि अपने साथ गर्म कपड़े आदि जरूरी सामान अवश्य लेकर आएं।

हर रोज 10 हजार से ज्‍यादा श्रद्धालु पहुंच रहे केदारनाथ⤵️

मानसून सीजन खत्म होने के बाद केदारनाथ धाम की अंतिम चरण की यात्रा ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ दी है। इन दिनों धाम में रोजाना 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अब तक 16 लाख 45 हजार से ज्यादा भक्त बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। बाबा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग रही है।

23 अक्‍टूबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट⤵️

वर्तमान में चारधाम यात्रा का दूसरा और अंतिम चरण चल रहा है। इस दौरान चारो धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। शीतकाल के लिए चारधाम के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित कर दी गई हैं। 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। भैयादूज (23 अक्टूबर) के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के बंद किए जाएंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भी इसी दिन बंद होंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे।

Ad Ad Ad Ad