बागेश्वर जनपद के युवा संगीतकार अर्जुन गढिया ने संगीत विद्यालय शुरू करने का संकल्प लिया

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बागेश्वर जनपद के युवा संगीतकार अर्जुन गढिया ने मण्डलसेरा बागेश्वर में कम खर्च पर एक संगीत विद्यालय शुरू करने का संकल्प लिया है। उनका उद्देश्य है, पहाड़ के उन युवाओं को मंच देना, जिनके भीतर प्रतिभा है, लेकिन अवसर नहीं। टी-सीरीज़ कंपनी में बेहतरीन काम करने के बाद अर्जुन गढिया अब अपने गांव लौटे हैं। और यहीं से उन्होंने नई पहल की है। संगीत सिखाने और पहाड़ी संस्कृति को संवारने की।मीडिया से संवाद में अर्जुन गढिया कहते हैं, मेरा सपना है कि पहाड़ के बच्चे अपने गीत, अपनी भाषा और अपने सुरों से दुनिया तक पहुंचे।संगीत विद्यालय के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि किशन सिंह मलड़ा ने अर्जुन गढिया के इस प्रयास को युवा शक्ति और पहाड़ी संस्कृति के संगम की मिसाल बताया। संगीत विद्यालय के पहले दिन अर्जुन गढिया से अपने प्रिय गीत ‘बेडों पाको बारोबासा’ में आपु खानी पान सुपारी,मैकें दिनी बीड़ी मेरी छैला । बीड़ी की जगह इस तरह से गवाया गया – आपु खानी पान सुपारी, मैकें दिनी सिख मेरी छैला। जहाँ एक ओर नशा रहित समाज की जहां बात होती है और गाने में “बीड़ी ” शब्द का संदेश उचित नहीं लगता हमारी राष्ट्रीय धुनों में भी इसे बड़े गर्व से गाया जाता है आज शपथ के साथ ही,न नशा न नशे की बात पर जोर दिया गया। उपस्थित दर्शकों ने इस पहल का तालियों से स्वागत किया गया जहाँ भवान सिंह गड़िया पुरन सिंह कैलाश मलड़ा दीपक जोशी, मनोज टंगनीया , नितु,बिना परिहार, भाष्कर चन्दोला , रमेश लाल , रमेश प्रकाश पर्वतीय (संस्कृति- कर्मी) “आदि मौजूद रहे।

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