उत्तराखंड: मानसून थमते ही चार धाम यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ी,30 सितंबर को 20,497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे

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चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार राज्य सरकार ने यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं को सुगम और व्यवस्थित बनाया है।

उत्तराखण्ड सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20,497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। जिसमें श्री केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7,350 तीर्थयात्री पहुंचे।

इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश अनुसार श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बीस पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इसके साथ ही पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली, यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती, यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन, यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना और ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गई है।

इसके साथ ही सुगम और व्यवस्थित यात्रा हेतु स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना की गई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मित्र, यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस, 8 ब्लड बैंक, 2 भंडारण इकाइयां, 49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट सहित 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी में हुई आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदारनाथ यात्रा को बहाल किया।

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