बागेश्वर:DM आशीष भटगांई ने यहां किया मानसून अवधि में हुए भूस्खलन का स्थलीय निरीक्षण

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बागेश्वर जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को नामती चेताबगड़,कैलापैरकापड़ी और उसके आपस के अन्य क्षेत्रों में मानसून अवधि में हुए भूस्खलन का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। जिलाधिकारी ने भूस्खलन की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण एवं नामती चेताबगड़ वाले क्षेत्र के लिए संभावित खतरे की पड़ताल करने के साथ ही सुरक्षा एवं उपचारात्मक कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था सर्वोपरि है। इसलिए भूस्खलन के रोकथाम के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर भूस्खलन के उपचार व रोकथाम के लिए दीर्घकालिक प्लान बनाना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात की और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। साथ ही आपदा प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना।

जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने स्वयं आपदा प्रभावित विभिन्न जगहों पर जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए है। उन्होंने अधिकारियों को आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता देने,आपदा संभावित क्षेत्रों में आपदा क्षति का आंकलन करने तथा आपदा से क्षतिग्रस्त पुनर्निर्माण के कार्यों को तत्काल करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी नामतीचेटाबगङ गांव में डोलगांव गधेरा,घनेलिया नाला व गूंठी खिमिला नाले से हो रहे भू-स्खलन का जायजा लिया तथा ग्रामसभा कैलापैरकापड़ी के भाकुना तोक व रामगंगा नदी में सरहदी पैदल पुल का भी निरीक्षण किया। गौरतलब है कि बरसात में रामगंगा नदी में सरहदी पैदल पुल के एबेटमेंट झुक जाने से सुरक्षा के दृष्टिगत वहां से आवगामन बंद किया गया है। जिलाधिकारी ने पुल की सुरक्षा व्यवस्था व तकनीकी पहलुओं की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश देते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, पूर्व काबीना मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उपजिलाधिकारी अनुराग आर्या, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल, नारायण सिंह कोश्यारी, महेश सिंह, भगवती प्रसाद पाठक समेत अन्य विभागों के अधिकारी व स्थानीय लोग मौजद थे।

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