बागेश्वर: प्राकृतिक धारे ,नौले बचाने को शानदार मुहीम

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बागेश्वर:प्रदेश में प्राकृतिक जल श्रोत ,नौले, धारे बदलती जलवायु के चलते लगातार सूखते जा रहे हैं।ये वो ही प्राकृतिक श्रोत हैं जिनसे पहाड़ की पुरानी यादें जुड़ी हैं पूर्व में पहाड़ी क्षेत्र की संपूर्ण जनता इन नौलों धारों से ही अपनी पेयजल की जरूरत पूरी करती थी लेकिन बदलते आधुनिकता के इस दौर में इन प्राकृतिक श्रोतों का लगातार पतन होता जा रहा है यही कारण है कि नौलो को पुनर्निर्माण के उद्देश्य से चौगांवछीना में विजय रावत द्वारा जन जागरूकता को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया,।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष बागेश्वर बसन्ती देव यहां कार्यक्रम में पहुंची, चौगांवछीना के मुरली बैण्ड में आयोजित कार्यक्रम में देवलधार के स्कूली छात्रों ने जल ही जीवन के स्लोगन के साथ अपने गांव के पारम्परिक पीने के पानी के स्तोत्रों को बचाने के लिए क्षेत्रीय पारम्परिक रीति रिवाजों के साथ सुन्दर प्रस्तुतियां पेश की , कार्यक्रम के संचालक विजय रावत का कहना था कि पर्यावरण को बचाने के लिए, हमे अपने पारम्परिक, पुस्तैनी, धारो और नौलो को पुनर्जीवित करना होगा, युवा पीढ़ी को धारे, और नौलो को बचाने के लिए प्रेरित करना होगा ,



कार्यक्रम कि अध्यक्षता कर रही जिला पंचायत अध्यक्ष बसन्ती देव का कहना है, कि प्रदेश सरकार भी ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध हमारे धारे, और नौलो को बचाने, व पुननिर्माण करने के लिये ग्रामीणो कि मदद कर रही है,

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