बागेश्वर: सन् 1890 में 132 साल पहले प्रारंभ हुई थी कुमाऊं की काशी बागेश्वर की ऐतिहासिक रामलीला ,देखिए विडियो
बागेश्वर:उत्तराखंड में कुमाऊं की काशी के नाम से सुमार भगवान बागनाथ की ऐतिहासिक नगरी बागेश्वर में शारदीय नवरात्र का बड़ा महत्व रहा है ।वही नवरात्र के इस पर्व में बात हो रामलीला की तो बागेश्वर की ऐतिहासिक रामलीला पूरे प्रदेश में अपना विशेष महत्व रखती है।बागनाथ नगरी बागेश्वर की रामलीला का प्रारंभ सन् 1880 में किया गया जोकि 132 साल पुराना इस रामलीला का इतिहास रहा है।लोग इस रामलीला को देखने के लिए दूर दूर के ग्रामीण क्षेत्रों से मीलों पैदल यात्रा कर यहां पहुंचते थे और रामलीला का आनंद उठाते थे।वहीं उस दौर में स्वाभाविक है कि सीमित संसाधनों में इस रामलीला का भव्य आयोजन हुवा करता था।जो कि वर्तमान चकाचौंध के युग में हाईटेक संसाधनों के साथ आयोजित हो रहा है।बेसक वर्तमान युग में जनता के बीच अति व्यस्तता के चलते इसका क्रेज कुछ कम हुआ है ।लेकिन आज भी अच्छी संख्या में लोग यहां की रामलीला को देखने को पहुंच रहे हैं।और कई महीनो की तालीम के बाद रामलीला के कलाकार अपने अभिनय को प्रदर्शित कर रहे हैं और जनता इन्हें बेहद पसंद भी कर रही है। इस रामलीला की वर्तमान में एक ओर विशेषता यह भी है कि मंच के साथ साथ कई दृश्य खुले मैदान में भी देखने को मिलते है ,जोकि बेहद आकर्षण का केंद्र भी है।
देखिए बागेश्वर की रामलीला की सुंदर झलकियां।