बागेश्वर: कपकोट विकास खंड चाय की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चाय बागान की मांग को लेकर ब्लॉक प्रमुख कपकोट गोबिंद सिंह दानू ने D M को सौंपा ज्ञापन
कपकोट: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में चाय के उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं , चाय उत्पादन से क्षेत्र में रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे इसी कड़ी में विकास खण्ड कपकोट के अन्तर्गत चाय की खेती की अपार संभावनाएं है क्योंकि पूर्व से ही जनपद बागेश्वर के अन्तर्गत कौसानी और धरमघर ( कपकोट) में चाय की खेती की जा रही है
ब्लाक प्रमुख गोबिन्द सिंह दानू ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौप कर बजट पूर्व संवाद के माध्यम सुझाव देकर मांग कि :-
1 गांव में बंजर पडी भूमि और वन पंचायतो में चाय के बागान लागाये जाय जिससे लोगों को गांव में ही स्वरोजगार मिलेगा और जंगलो को भी वनाग्नि से भी सुरक्षा होगी । बहारी इन्वेस्टर्स चाय की खेती के लिए तैयार है । स्थानीय ग्रामीणों का 60%और इनवेस्टर का 40% का अनुबंध बन जायेगा ।
2.. कपकोट के वन विभाग की तीनों रैन्ज ग्लेशियर , कपकोट , धरमघर हेतु डोरन कैमरा की मांग की क्योकि जंगलो में आग प्राकृतिक तौर पर कम लगती है और मानवीय तौर पर ज्यादा । उसी प्रकार ज्यादातर पर्यटक चमोली गढवाल से आकर विश्व प्रसिद्ध पिण्डारी ग्लैश्यर , सुन्दरढुंगा, हीरामणी, ग्लेशियर होते हुए टरैल पास से मुन्स्यारी निकल जाते है लेकिन जिला प्रशासन को कोई सूचना नही रहती है जब कोई अप्रिय घटना घटती है तभी सूचना मिल पाती है , और वन्य तस्करों की रोकथाम , आदमख़ोर हिंसक जानवरो से सुरक्षा इसकी रोकथाम हेतु कपकोट वन विभाग के तीनों रैन्ज डोरन की आवश्यकता है ।
3..प्राकृतिक खेती को बढावा । क्योंकि यूरिया से मिट्टी की उरबरा शक्ति घट रही ।
4..जंगली जानवरो से सुरक्षा हेतु सोलर फिनिसिंग , सोलर हुटर लाईट , पालीहाउसो में कीट पतंगो से सुरक्षा बी.क्रुमुला टैरप , हवाई फायर बन्दुक आदि के बजट की मांग की ।
5… जडी बूटी व भेषज विभाग से मेडिसनल प्लान्ट , स्कन्द पौध , मेडिसनल हैम्प , औषधिय कृषिकरण की मांग की ।
6..मत्स्य विभाग द्धारा शामा , पिण्डर , सरयू व कन्लगढ घाटी में हिमालयन रैनबो ट्राउट मत्स्य उत्पादन बढाने की मांग की ।
7..दुग्ध डेरी पालन व, बद्री गाय व पशुपालन हेतु अतिरिक्त बजट की मांग की ।
इस प्रकार विकास खंड कपकोट के ब्लॉक प्रमुख गोबिंद दानू द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा और क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से लगातार प्रयास जारी हैं।