बागेश्वर:हरेला महापर्व की पूर्व संध्या पर देवकी लघु वाटिका से 225परिवारों 15 विद्यालयों एवं अनेक विभाग व संस्थानों को हर वर्ष की भाँति निशुल्क भेंट किए गए पौध
हरेला महापर्व की पूर्व संध्या पर देवकी लघु वाटिका से 225परिवारों 15विधालयों एवं अनेक विभाग व सस्थायों को हर वर्ष की भाँति चंदन, परिजात,सिलिंग, पीपल,बरगद,तिमूल, तिमूर्,बांज,जामुन,आवला,बाँस,अमरुद्,अनार,कटहल,नीबू,तेजपत्ता ,अपराजिता,गुलबहार,कौल,बेलपत्र आदि के
पौधे निशुल्क भेंट किये पूर्व में रोपित पौधों की भी जानकारी प्राप्त हुई मात्र शक्ति,युवायों कीअधिक सेअधिक भागीदारी के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रसिद्ध हरेला पर्व आज उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के साथ विश्व में भी अपनी अहम भूमिका निभाने दर्शाने वाला हरेला पर्व को राष्ट्रीय पर्यावरण पर्व की मान्यता मिलनी चाहिए यह पर्व प्रकृति के अनुकूल वातावरण पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने आप में अदभुत है। पौध प्राप्त करने आये पर्यावरण प्रेमियों के साथ वाटिका में मधुनाशनि का पौधा रोपित कर हरेला की शुभकामनाएं दी गई जिसमें श्रीमती देवकी देवी, रमा देवी, ममता, मनीषा मलड़ा,प्रकृति,बबिता कपकोटि, दिव्या पांडेय,गौरव कर्मयाल, कैलाश फर्सवान, ओम प्रकाश मेहता, भूपेंद्र सिंह, संजय टमटा,भजन सिंह, नरेंद्र बोरा, राजेंद्र बिष्ट, राम सिंह, ,प्रकाशजोशी,कर्नल गंगा सिंह बिष्ट , प्रशांत मलड़ा, वीरेंद्र, पुरन चंद्र भट्ट
आदि ने सहयोग किया सभी का आभार प्रकट करते हुए किशन मलड़ा ने पौधों की सुरक्षा संरक्षण का संकल्प दिलाते हुए अपनी-अपनी भरपाई सभी से के लिए जरूरी बताई।