उत्तराखंड – रानीखेत के बिंता गांव निवासी दिपेश कैड़ा बने IAS, गांव में जश्न का माहोल

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यूपीएससी में पहाड़ के कई प्रतिभाओं ने यह साबित कर दिया है कि पहाड़ अब सबसे आगे है। जिस तरह से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिले के युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया उससे साफ होता है कि पहाड़ और प्रतिभा एक ही सिक्के के दो पहलु है। मूलरूप से रानीखेत के बिंता गांव निवासी दिपेश कैड़ा ने तीसरे प्रयास में सफल रहे और सिविल सेवा परीक्षा में 86वीं रैंक हासिल की है। दिपेश की सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है। वहीं कैड़ारो घाटी में हर घर से लेकर बाजार तक दिपेश की चर्चा है।कोरोना ने सिखायामहामारी कोरोना वर्क फ्राम होम कल्चर ने बिंता निवासी इंजीनियर दिपेश सिंह कैड़ा जो हाल में देहरादून में रहते है, को कुछ अलग सोचने का अवसर दिया। वह इंजीनियरिंग छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए। आखिरकार वह तीसरे प्रयास में सफल रहे और सिविल सेवा परीक्षा में 86वीं रैंक हासिल की है।85 प्रतिशत अंकों के साथ पास की 12वीं की परीक्षादिपेश वर्ष 2015 में 85 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद डीआइटी विवि से बीटेक किया। इसके बाद उनकी नौकरी अशोक लेलैंड में लग गई। दिनचर्या ठीक चल रही थी तभी कोरोना की दस्तक हुई। लाकडाउन के दौरान उन्हें भी वर्क फ्रार्म होम करना पड़ा। ऐसे में उनके ताऊ की बेटी नम्रता और उनके पति अतुल कुमार आइआरएस अधिकारी हैं। जिन्होंने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित किया। दिपेश ने अपने तीसरे प्रयास में कामयाबी हासिल की। उनके पिता उत्तम सिंह कैड़ा सीएजी में आडिट अफसर हैं। मां पुष्मा गृहिणी हैं। जबकि बहन दीप्ति कैड़ा एक आइटी कंपनी में नौकरी कर रही हैं। दिपेश की सफलता से पूरा परिवार खुश है। वहीं, उनके घर भी बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। वह मूलरूप से रानीखेत बग्वालीपोखर बिंता गांव के निवासी है, जो वर्तमान में देहरादून रहते है।

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