उत्तराखंड :(बिग न्यूज) धामी सरकार ने चार साल में दी 25 हजार सरकारी नौकरियां

धामी सरकार ने चार साल में दी 25 हजार सरकारी नौकरियां
सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद नहीं हुआ एक भी भर्ती परीक्षा पेपरलीक
मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना से विदेश में रोजगार
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चार साल के कार्यकाल में युवा वर्ग सबसे बड़ा लाभार्थी बनकर उभरा है। इस दौरान रिकॉर्ड 25 हजार युवाओं का चयन सरकारी सेवा में हुआ है। इसी क्रम में शनिवार को जनजाति कल्याण विभाग के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में चयनित 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
04 जुलाई 2021 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद, धामी सरकार ने युवाओं को रोजगार और स्किल प्रदान करने पर विशेष तौर पर फोकस किया। इस दौरान लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, चिकित्सा सेवा चयन आयोग के जरिए 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में स्थायी रोजगार प्रदान किया जा चुका है।
उत्तराखंड लोकसेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के स्तर पर अभी कई विभागों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। कुछ मामलों में जल्द ही अंतिम चयन संस्तुति की जाने वाली है, इस कारण कुल स्थायी नौकरियों का यह आंकड़ा अभी और बढ़ने वाला है।
विदेश में रोजगार के मौके
मौजूदा सरकार ने साल 9 नवंबर 2022 से मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना शुरु की है, इसके लिए युवाओं को आतिथ्य, नर्सिंग, ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए जर्मनी और जापान में रोजगार प्रदान किया जा रहा है। योजना के तहत अब तक 154 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है, जिसमें से 37 को जापान में रोजगार प्रदान किया जा चुका है।
सख्त कानून से आई पारदर्शिता
धामी सरकार ने 2024 में सख्त नकल विरोध कानून लागू करते हुए, नकल माफिया की कमर तोड़ने का काम किया है। इसके बाद से एक भी परीक्षा में पेपरलीक नहीं हुआ है, यही नहीं धामी सरकार पेपर लीक में शामिल 100 से अधिक माफिया का जेल भी भेज चुकी है।
सरकार युवाओं के लिए शिक्षा, कौशल के जरिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड का पानी और जवानी, यहीं के काम आए। युवा पलायन करने के बजाय, रोजगार प्रदान करने वाले बने।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
सरकार जनजाति समाज के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध – मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जनजाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में चयनित 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के साथ ही 15 करोड़ रुपए से अधिक लागत की विभिन्न विभागीय निर्माण योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि ये सभी परियोजनाएँ न केवल जनजातीय समाज की आधारभूत सुविधाओं को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगी। मुख्यमंत्री ने चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी युवा शिक्षक नई पीढ़ी के समग्र विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज जनजातीय समाज के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस संबंध में सबसे अहम फैसला भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारें केवल दिखावे के लिए ही आदिवासी समाज के विकास की बात किया करती थी, जबकि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए धरातल पर नए – नए कार्य किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने जनजातीय समाज के विकास के लिए दिए जाने वाला बजट को पहले के मुकाबले 3 गुना तक बढ़ाया दिया है। वहीं जनजातीय समाज के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान, वन धन योजना, प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन जैसी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान“ के अंतर्गत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। आज हमारे राज्य में 4 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हो रहे हैं, जिसमें जनजातीय समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसी तरह सीमान्त जनपद पिथौरागढ में भोटिया तथा राजी जनजाति के शैक्षिक उन्नयन के लिये एकलव्य विद्यालय खोलने के लिए अभी हाल ही में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार भी आदिवासी समाज के कल्याण के लिए अनेकों कार्य कर रही है। जहां एक ओर जनजातीय समाज के बच्चों को प्राइमरी स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक की कक्षाओं में छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।वहीं, राज्य में 16 राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालयों का संचालन भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, जनजाति समाज के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में तीन आईटीआई संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। जनजाति समाज के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के कार्यों से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार भी उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। इसके साथ ही, उत्तराखंड में देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून को लागू किया गया है, लेकिन जनजातियों की परम्पराओं रीति रिवाजों के संरक्षण के लिए सभी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय शोध संस्थान में सौन्दर्यीकरण तथा बालिकाओं के लिए हाईटेक शौचालय ब्लॉक का निर्माण, “आदि लक्ष्य संस्थान में डाइनिंग हॉल का निर्माण कराए जाने की घोषणा की है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री खजान दास, श्री उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, श्री दलीप सिंह रावत, श्री प्रमोद नैनवाल, अध्यक्ष जनजाति आयोग श्रीमती लीलावती राणा, सचिव समाज कल्याण श्री श्रीधर बाबू अद्दांकी, निदेशक जनजाति कल्याण श्री संजय टोलिया, निदेशक समाज कल्याण श्री चंद्र सिंह धर्मशक्तू एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित हुए।



