उत्तराखंड-(अच्छी खबर) हालत सुधरेगी प्रदेश में 1090 KM लम्बी 104 ग्रामीण सड़कों की

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देहरादून- उत्तराखंड में मरम्मत के अभाव में जर्जर हालत में हो चुके 1090 किलोमीटर लंबे 104 ग्रामीण मार्गों की अब हालत बदलने वाली है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य सरकार को इन सड़कों की मरम्मत की मंजूरी मिल गई है पीएमजीएसवाई के अंतर्गत यह वह सड़कें हैं जिन्हें बने 10 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है जिनके मरम्मत के लिए 856.84 करोड रुपए का बजट मंजूर किया गया है। इन सड़कों में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बॉडी में 35 सड़कें मंजूर हुई है तथा दूसरे और तीसरे स्थान पर चमोली और टिहरी की सड़कें हैं।प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को विधानसभा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जोशी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अर्न्तगत रुपये 856.84 करोड़ लागत से बनने वाली 104 सड़को (1090 किलोमीटर लम्बाई) को केन्द्र सरकार से स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसके लिए ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जून 2022 में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से इस बाबत अनुरोध किया गया था।मंत्री ने कहा PMGSY-III के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित 2288 किमी0 के आवंटन के सापेक्ष प्रथम बैच में 3 मार्च, 2023 को आहूत इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में 104 मार्गों, लम्बाई – 1091 किमी0, लागत रू0 857 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें अल्मोड़ा की 04, बागेश्वर की 04, चमोली की 18, देहरादून की 05, हरिद्वार की 11, नैनीताल की 05, पौड़ी की 35, रुद्रप्रयाग की 04, टिहरी की 15, उत्तरकाशी की 03 सड़कों का सुदृढ़ीकरण कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा भारत सरकार के मानकों के अनुरूप शेष पात्र डी०पी०आर० के भी गठन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है, जिन्हें स्टेट टैक्निकल एजेन्सी से परीक्षण कराकर मार्च, 2023 के अन्त तक भारत सरकार को प्रेषित कर दिया जायेगा ।मंत्री ने कहा सरकार का संकल्प 2025 के अनुरुप PMGSY-III के अन्तर्गत समस्त स्वीकृतियां प्राप्त कर मार्च, 2025 तक मार्गों के सुदृढीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा । उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अर्न्तगत 250 से अधिक जनसंख्या की कुल स्वीकृत 1866 बसावटों के सापेक्ष वर्तमान तक 1836 बसावटों को सड़क सम्पर्क से संयोजित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि शेष 30 बसावटों में से 16 बसावटों को मार्च, 2023 तक तथा 14 बसावटों को आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में सड़क सम्पर्क से संयोजित कर दिया जायेगा ।मंत्री जोशी ने कहा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत मार्गों के डामरीकरण के उपरान्त पंचवर्षीय अनुरक्षण की व्यवस्था सम्मिलित हैं। मार्गों की पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि पूर्ण होने के उपरान्त मार्गों के समुचित रखरखाव हेतु राज्य सरकार द्वारा इन मार्गों को लोक निर्माण विभाग को हस्तान्तरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान तक कुल 521 मार्गो में से 478 मार्ग, लम्बाई-3200 किमी0 तथा कुल 61 सेतु में से 32 सेतु हस्तान्तरित किये जा चुके हैं एवं सतत प्रक्रिया के अन्तर्गत पंचवर्षीय अनुरक्षण पूर्ण होते ही कार्यों के लोक निर्माण विभाग को हस्तान्तरण की प्रकिया गतिमान है।उन्होंने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत द्वितीय फेज में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु 18602 आवास निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष कुल 18000 आवास आवंटित किये जा चुके है। (अल्मोड़ा में 748, बागेश्वर में 1360, चमोली में 1804, चम्पावत में 861, देहरादून में 1547, हरिद्वार में 1603, नैनीताल में 803, पौडी में 2093, पिथौरागढ़ में 1606, रूद्रप्रयाग में 1315, टिहरी में 1121, उधमसिंहनगर में 1864, उत्तरकाशी में 18641) 602 आवास का आवंटन तकनीकि कारणों से (भूमि इत्यादि) प्रक्रिया में है, जल्द ही इसका लाभ भी आवासविहीन परिवारों को मिलेगा।इस योजना के अर्न्तगत आवास निर्माण हेतु कुल 01.30 लाख दिये जाते हैं, जिसमें भारत सरकार एवं राज्य सरकार का अंश क्रमशः 90:10 होता है।वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में गत वर्षों के निर्माणाधीन 13274 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण करवाया गया तथा कुल रू. 151.26 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के बैंक खाते में अन्तरित की गयी। इस योजना के अर्न्तगत कुल 927 भूमिहीन परिवारों को भूमि पट्टा का आवंटन राज्य सरकार द्वारा किया गया है। और उसके बाद उनके लिए इस योजना के माध्यम से आवास भी निर्माण करवायें। मंत्री ने कहा वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लक्ष्य 16472 आवास के लाभार्थियों हेतु प्रति परिवार रू. 5000/- दर से किचन सामाग्री, बर्तन आदि की खरीद हेतु मुख्यमंत्री घोषणा के अर्न्तगत अतिरिक्त धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गयी है। मंत्री ने कहा आवासीय योजना के लाभार्थियों के स्किल में वृद्धि एवं आजीविका संवर्धन हेतु योजनान्तर्गत 508 लाभार्थियों को राजमिस्त्री प्रशिक्षण दिया गया।उन्होंने कहा वर्तमान में योजनान्तर्गत राज्य की ऑल इण्डिया रैंकिंग 03 (तीसरे नम्बर) पर है। जिसमें पहले में झारखण्ड और दूसरे में गुजरात है । मंत्री ने कहा इस प्रकार योजना प्रारम्भ (2016- 17 से) से अब तक कुल 47654 आवास निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।कुल रू. 466.98 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के बैंक खाते में अन्तरित की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष कुल 46768 आवासों को आवंटित करते हुए कुल 27923 आवासों को पूर्ण कराया जा चुका है।

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