सुमित्रानंदन पंत जी की 125वीं जयंती पर कौसानी में जन्म जयंती का कार्यक्रम का भव्य आयोजन



कौसानी, 20 मई 2025 – हिन्दी साहित्य के महान छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत जी की 125वीं जयंती पर आज उनके जन्मस्थान कौसानी में एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर ग्रामीणों ने पारंपरिक उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और साहित्यिक गौरव को नमन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा पंत जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। समारोह का मुख्य केंद्र रहा सुमित्रानंदन पंत विथिका, जहाँ प्रतिष्ठित अतिथियों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति में कवि को याद किया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कौसानी के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. महेन्द्र सिंह महरा ने पंत जी के जीवन, साहित्यिक योगदान और कौसानी से उनके आत्मिक संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा:
“कौसानी केवल एक पर्वतीय स्थल नहीं, बल्कि हिंदी काव्य का तीर्थ है। यहीं से पंत जी ने प्रकृति की गोद में बैठकर कविता को एक नया सौंदर्यबोध दिया। उनका जीवन और रचना दोनों ही हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।”
कार्यक्रम में **भातखंडे संगीत महाविद्यालय अल्मोड़ा ** के छात्र-छात्राओं ने पंत जी की कविताओं पर आधारित गीतों और संगीत प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। वहीं, स्थानीय शिशु मंदिर के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें देशभक्ति गीत, कविताएँ प्रस्तुति शामिल थी।
कार्यक्रम में शिव राज सिंह जनमेजय तिवारी जीवन आर्य प्रमोद कुमार अजय सर .
ग्रामीणों, विद्यार्थियों, शिक्षकों और साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति से पंत विथिका परिसर साहित्य, संगीत और सौंदर्य से भरपूर रहा
कार्यक्रम में
- शिवराज सिंह बिष्ट
- अखिलेश कुमार मौर्य
- सुरेन्द्र सिंह
- जन्मेजय तिवारी
- दीपक कुमार
- जोगा राम
- कौस्तुभानंद कांडपाल
- पूरन सिंह
- भरत
- जीवन चंद्र आर्य
- पूजा एंडोला
- प्रमोद कुमार आर्य व ग्रैमी व पर्यटक उपस्थित थे ।
इससे पूर्व कै दौलत सिंह महरा सभागार प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी कौसानी के ग्राम प्रधान बच्चन आर्य की अध्यक्षता में ग्रामीणों ने पंत जी को याद किया जिसमें डॉ महेन्द्र सिंह महरा,कृष्ण कुमार सिंह महरा पवन सिंह महरा भुवन भण्डारी माखन भण्डारी प्रताप सिंह बिष्ट चन्दन सिंह बिष्ट हरीश सिंह बीना देवी माया देवी देवेन्द्र सिंह लक्ष्मी देवी हरि विनोद आदि व अनेक आध्यात्मिक पर्यटक भी उपस्थित थे



